सार
Rajasthan : राजस्थान के तीन सबसे बड़े संगठनों की सहमति पर बनी राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) ने तैयार की अपनी रणनीति, जल्द ही सहकारी समितियों कर्मचारी का हो सकता हैं प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 18 सितम्बर | राजस्थान में सहकारी आंदोलन की सबसे छोटी इकाई ग्राम सेवा सहकारी समिति (Pacs) में कार्य करने वाले कर्मचारी के सब्र का बांध छलका, अब जल्द ही कर्मचारी अपनी मांगों के निराकरण के लिए अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का बिगुल बजा सकते हैं । जिससे राजस्थान में सहकार सदस्यता अभियान, जो विभाग का महत्वकांक्षी शिविर हैं, उस पर भी बड़ा प्रभाव पड़ सकता हैं । हाल ही में राजस्थान के तीन सबसे बड़े संगठनों की सहमति पर बनी राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) ने अपना (खाका) रूपरेखा तैयार कर ली हैं ।
साथ ही, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत हड़ताल के लिए मुख्यमंत्री (CM), सहकारिता मंत्री, मुख्य सचिव (CS) से लेकर सहकारिता विभाग के छोटे से बड़े सभी कार्यालयों को विधिक नोटिस भेजा गया हैं । जिसके मुताबिक प्रदेश की गांव-ढाणियों दूर-दराज इलाकों की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कर्मचारी कार्यरत हैं, जो कर्तव्यनिष्ठ होकर सेवाभाव से किसानों के हित में कार्य कर रहें हैं।
जबकि इनके हितार्थ में सहकारिता विभाग द्वारा किसी प्रकार का सहयोग नहीं होने के चलते कार्मिकों में भारी आक्रोश हैं । वही नोटिस अनुसार, 6 अगस्त 2025 को मांग पत्र प्रस्तुत कर 31 अगस्त तक निराकरण की अपेक्षा की गई थी । लेकिन मांगपत्र पर संज्ञान नहीं लेने के चलते अब 18 सितंबर को विधिक नोटिस प्रदान किया गया हैं । इसके अलावा 29 सितंबर तक विभाग से किसान हित में प्रमुख मांगों के निराकरण की अपेक्षा की गई हैं ।
सहकार सदस्यता अभियान पर प्रभाव
राजस्थान में 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सहकार सदस्यता अभियान चलाया जाना हैं । इसमें प्रमुख रूप से पांच गतिविधियां सम्पादित की जाएगी, जिनमें नवीन पैक्स के गठन हेतु प्रस्ताव व सदस्यता राशि प्राप्त करना तथा स्वीकृति जारी करना, प्रस्तावित नये सहकारिता कानून के प्रावधानों की जानकारी देना, पैक्स/डेयरी सहकारी समितियों में युवाओं व महिलाओं के लिए विशेष सदस्यता अभियान चलाना, पीएम किसान योजना के अंतर्गत लम्बित आवेदनों की ई-केवाईसी व आधार सीडिंग कराकर इनका निस्तारण करना तथा नवीन गोदामों के लिए आवश्यकता के अनुरूप जमीन चिह्नीकरण किया जाना शामिल हैं। जबकि 29 सितंबर से ही कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना, इस अभियान के सफलतम आयोजन के लिए रास्ते का रोड़ा बन सकता हैं ।
केवल चार सूत्री मांगों का हो निराकरण
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) ने पैक्स-लैम्पस कर्मचारियों की वाजिब मांगों को ध्यान में रखते हुए नोटिस दिया हैं, इसमें अथाह मांगों को शामिल नहीं करके केवल चार सूत्री मांगों के निराकरण की अपेक्षा की हैं, जिसमें प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियां (Pacs) के कार्यरत कार्मिकों का जिला कैडर बनाते हुए नियोक्ता निर्धारण करने, केंद्रीय सहकारी बैंकों में कई वर्षो से ऋण पर्यवेक्षकों (LS) रिक्त पदों पर समिति व्यवस्थापकों से ही शत्-प्रतिशत नियुक्ति करने के साथ ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्मिकों के सेवा नियम 2022 में संशोधित करते हुए सेवा नियम कार्मिक विभाग द्वारा बनाए जाने और 10 जुलाई 2017 से पूर्व ग्राम सेवा सहकारी समितियों में नियुक्त कार्मिकों के लिए सहकारिता विभाग पंजीयक (Registrar) की ओर से प्रारंभ नियमितीकरण प्रक्रिया में, जो कर्मचारी वंचित रह गए, उनके लिए पुनः नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग उठाई गई हैं ।
कैडर पत्रावलियां का हो निस्तारण
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) के नोटिस अनुसार, ग्राम सेवा सहकारी समितियों में नियुक्त समस्त कार्मिकों की 18 से 40 वर्ष आयु के आधार पर पुनः नियमितीकरण की प्रक्रिया में की जाएं । इसके अलावा, नियोक्ता निर्धारण के लिए वर्ष 2019 में सहकारिता विभाग पंजीयक (Registrar) कार्यालय द्वारा कैडर ऑथोरिटी का यू०. ओ० नोट जारी इस विषय में समस्त पत्रावलियां वित विभाग को प्रेषित की गई है, जो आज दिनांक लंबित हैं, का निस्तारण करने की अपेक्षा भी की गई हैं ।
29 सितंबर से शुरू होगा कार्य बहिष्कार
23 सितंबर को पैक्स कंप्यूटराइजेशन, फसली ऋण वितरण एवं वसूली सहित सहकार सदस्य अभियान का काली पट्टी बांधकर एक दिवसीय विरोध किया जाएगा । साथ ही 26 सितंबर को समस्त उप रजिस्ट्रार एवं सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियों के जिला स्तरीय कार्यालय के आगे एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन होगा । इसके अलावा 29 सितंबर तक मांगों का निराकरण नहीं होने पर पैक्स कंप्यूटराइजेशन, फसली ऋण वितरण एवं वसूली सहित, सहकार सदस्यता अभियान के साथ विभाग की अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का संपूर्ण रुप से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा ।
एक्सपर्ट व्यू
राजस्थान का सहकारिता विभाग पैक्स कर्मचारियों के पिछले दो दशक से निराधार कर्मचारी समझ रहा हैं । अब ग्रामीणों, युवाओं एवं महिलाओं के लिए विशेष सहकार सदस्यता अभियान चलने वाला हैं । इससे पहले सरकार के हुक्मरानों सहित सत्तारूढ़ पार्टी के जिला सहकारिता प्रकोष्ठ को स्वतः ही संज्ञान लेकर पैक्स कर्मचारियों के नेतृत्व कर्ताओं से वार्ता करनी चाहिए । सहकारिता विभाग सचिवालय और नेहरू सहकार भवन में एसी कमरों में नींद के खर्राटे लेकर सोने वाले अधिकारियों को जगाकर पैक्स कर्मचारियों की मांगों का निराकरण करना चाहिए, अन्यथा गांव में शिविर के समय प्रभारी (जो व्यवस्थापक को बनाया जाना हैं) उपस्थित नहीं होने से सहकारिता विभाग की छवि को धक्का लग सकता हैं । जिससे युवाओं और महिलाओं में विभाग की नकारात्मक साख भी उपज सकती हैं ।

पैक्स कर्मचारियों में देखने को मिली एकता
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) में प्रदेश के तीन सबसे बड़े संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों को संयोजक बनाया हुआ हैं । जिनमें राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी कर्मचारी यूनियन जयपुर (RMCSEU) के प्रदेश अध्यक्ष हनुमानसिंह राजावत, राजस्थान सहकारी कर्मचारी विकास मंच जयपुर (RCEDF) के प्रदेश अध्यक्ष मदन मैनारिया एवं राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ जयपुर (RSKS) (भा.म.सं.) के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप जंगम शामिल हैं । इसके अलावा, पुंजराज सिंह सोढा, देवेन्द्र सैदावत, नरपतसिंह चारण, सत्यनारायण तिवाड़ी, बलदेवाराम गेट को सदस्य बनाया हुआ है।
कैडर गठन के लिए पूर्व में भी हो चुका कार्य बहिष्कार
राजस्थान में वर्ष 2018-19 को ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी आंदोलन किया था । जिसके उपरांत तत्कालीन सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और तत्कालीन सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार एवं सहकारिता पंजीयक नीरज के पवन की मौजूदगी में कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के निस्तारण का आश्वासन देकर आंदोलन को समाप्त करवाया गया था । लेकिन इन कर्मचारियों की नियोक्ता निर्धारण/कैडर गठन की प्रमुख मांग का आज दिन तक निराकरण नहीं हो पाया हैं ।
राजस्थान की प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों को इसमें सहयोग करना चाहिए । यह केवल राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की लड़ाई नहीं हैं । यह उन समस्त पैक्स कर्मचारियों की लड़ाई हैं, जो योग्य, कुशल एवं कर्तव्यनिष्ठ होते हुए भी अपने मूल लाभों से वंचित हो रहें हैं । पैक्स कर्मचारियों की सेवा सुरक्षित नहीं हैं, इनकी सेवा सुरक्षित के लिए कॉमन कैडर गठन होना सबसे ज्यादा जरुरी हैं । तभी वेतन से लेकर सेवा-शर्तो में राहत मिल सकती हैं ।
हनुमानसिंह राजावत, संयोजक राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जयपुर


