निष्पक्ष जांच के बजाए सहकारिता विभाग के कार्यालयों के बीच केवल हो रहा हैं पत्राचार

सार

जैसलमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक द्वारा बैंक में मनमर्जी से ऋण वितरण और स्क्रीनिंग में व्यापक फर्जीवाड़े की जांच नहीं चढ़ी सिरे, अनियमितता की जांच का लेटर घूम रहा हैं एक से दूसरे एवं दूसरे से तीसरे कार्यालय के बीच में, लेकिन सहकारिता विभाग के पंजीयक कार्यालय से नहीं हो पा रही हैं उक्त मामले की निष्पक्ष जांच

विस्तार

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 23 मार्च | राज्य के सहकारिता विभाग का पंजीयक कार्यालय अपनी विभागीय अनियमितताओं की जांच के प्रति कितना संजीदा है, यह तो कार्यालय का एक लेटर स्वतः ही स्पष्ट कर रहा है क्योकि सहकारिता सेवा के अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी की जांच संयुक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी से करवाने के लेटर निरतंर जारी किए जा रहे है। वही, संयुक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी द्वारा लेटर को पुनः पंजीयक कार्यालय भेजकर जांच वरिष्ठ अधिकारी से करवाने का हवाला दिया जा रहा है। दरअसल, यह मामला केन्द्रीय सहकारी बैंक जैसलमेर का है, जिसमें तत्कालीन प्रबंध निदेशक भोमाराम के कार्याकाल के दौरान सीसीबी कार्यक्षेत्र की सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग में व्यापक रुप से हुए फर्जीवाड़े एवं भष्ट्राचार की जांच सहित सहकारी बैंक में अपनी मनमर्जी से ऋण वितरण करने के मामले को लेकर हुई शिकायत पर, सहकारिता विभाग के पंजीयक कार्यालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैकिंग-1) ने उक्त मामले की जांच 7 माह पहले क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी सहकारी समितियां खंड जोधपुर से करवाने के लिए लेटर जारी करने के उपरांत क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी द्वारा पुनः पंजीयक कार्यालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैकिंग) को उक्त मामले में 9 जनवरी 2024 को ही एक लेटर भेजकर लिखित जिक्र किया गया कि भोमाराम उनसे वरिष्ठ अधिकारी है, जिससे शिकायत की जांच करवाना न्यायोचित नहीं होगा और उन्होने उक्त मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से करवाने का हवाला लेटर में दे दिया, जिससे साफ नजर आ रहा हैं कि उक्त मामले में अनियमितता की निष्पक्ष जांच करवाने के बजाए केवल जांच का लेटर एक से दूसरे एवं दूसरे से तीसरे कार्यालय के बीच में घूम रहा है।

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