30 सितबंर तक सहकारी सोसायटियों का ऑडिट कार्य संपन्न नहीं होने पर लेखा परीक्षकों की होगी पुनर्नियुक्ति

सार

Rajasthan News : सहकारिता विभाग पंजीयक ने एक परिपत्र जारी कर सहकारी सोसायटियों के लेखा परीक्षा की कार्य अवधि से लेकर सीए फर्म के लिए सहकारी संस्थाओं की अधिकत्तम संख्या का निर्धारण के अलावा हानि एवं असंतुलन वाली समितियों में लेखा परीक्षा के लिए विभागीय ऑडिटर की नियुक्ति को किया अनिवार्य

विस्तार

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 3 नवम्बर | प्रदेश की सहकारी सोसायटियों की ऑडिट को लेकर रजिस्ट्रार सहकारी समितियां की ओर से गत दिनों एक परिपत्र जारी किया गया हैं, यह परिपत्र निर्धारित तिथि 30 सितबंर से पूर्व सहकारी सोसायटियों का वार्षिक वैधानिक लेखा विभाग को प्राप्त नहीं होने के कारण जारी हुए हैं, इनमें अब सीए फर्म के लिए संस्थाओं की संख्या के साथ सहकारी संस्थाओं के लेखा परीक्षा कार्य की अधिकत्तम अवधि भी निर्धारित की गई है। जिसमें सहकारी संस्थाओं के लेखा परीक्षक के रुप में फर्म को अधिकत्तम 30 सहकारी संस्थाओं की संख्या तथा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के लेखा परीक्षक के लिए अधिकत्तम 15 सहकारी संस्थाओं की संख्या निर्धारित की गई हैं । साथ ही शीर्ष सहकारी संस्थाओं, केन्द्रीय सहकारी बैंकों, अरबन कॉपरेटिव बैंकों के अतिरिक्त अन्य सहकारी सोसायटियों की सीए फर्म द्वारा लगातार 2 वर्ष लेखा परीक्षा के उपरांत लेखा परीक्षा रोटेशन विभागीय ऑडिटर द्वारा संपन्न करने के निर्देश दिए गए हैं,

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गौरतलब हैं कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 54 (2) के अनुसार विहित पैनल में से लेखा परीक्षक की नियुक्ति 31 मई तक आवश्यक रूप करने और धारा 54 (3) के तहत वित्तीय वर्ष के लेखों की लेखा परीक्षा उस वित्तीय वर्ष समाप्ति के 6 माह के भीतर करवाए जाने का दायित्व सम्बन्धित सहकारी सोसायटी का हैं । वही परिपत्र के मुताबिक निर्धारित प्रावधानानुसार यदि सहकारी समिति द्वारा विभागीय ऑडिटर से लेखा परीक्षा करवाए जाने का निर्णय लिया जाएगा, तो उस प्रस्ताव को निर्धारित समय यानि 31 मई से पूर्व राज सहकार पोर्टल पर अपलोड करना होगा । इतना ही नहीं अगर 31 मई तक सहकारी संस्था द्वारा लेखा परीक्षा के लिए ऑडिटर की नियुक्ति नहीं होती हैं, तो संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालय को 15 जून से पूर्व लेखा परीक्षक की नियुक्ति करनी होगी ।

अधिकत्तम कार्य दिवस निर्धारित

सहकारिता विभाग पंजीयक की ओर से जारी परिपत्र में वार्षिक वैधानिक लेखा परीक्षा का कार्य निर्धारित समयावधि में संपादित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें शीर्ष बैंक का अधिकत्तम 2 माह की अवधि में तथा केंद्रीय सहकारी संस्थाओं, पीएलडीबी, जिला दुग्ध उत्पादक संघ, अरबन कॉपरेटिव बैंक के लिए भी 2 माह की अवधि निर्धारित की गई है। इसी प्रकार केवीएसएस, सहकारी संघ, होलसेल भण्डार के लिए 20 दिवस एवं सहकारी समितियों के लिए 5 दिवस तथा प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के लिए 3 दिवस निर्धारित की गई हैं, वही अन्य प्राथमिक सहकारी समितियों के लिए अधिकत्तम 3 दिवस की अवधि निर्धारित की गई है।

File Photo – विशेष लेखा परीक्षक कार्यालय जालौर

हानि वाली समितियों में ऑडिटर की नियुक्ति अनिवार्य

परिपत्र के अनुसार संबंधित विभागीय कार्यालय द्वारा वित्तीय असन्तुलन एवं निरतंर हानि वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों में विभागीय ऑडिटर की नियुक्ति करना अब अनिवार्य है। साथ ही संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा मासिक अपेक्षित लक्ष्य निर्धारण कर निरंतर मोनेटरिंग करते हुए सहकारी संस्थाओं का वार्षिक वैधानिक लेखा 30 सितबंर से पूर्व पूर्ण करवाने के निर्देश दिए गए है। वही अगर सहकारी सोसायटियों द्वारा 30 सितबंर तक लेखा परीक्षा पूर्ण नहीं करवाया जाता हैं, तो संबंधित रजिस्ट्रार तत्काल लेखा परीक्षक की पुनर्नियुक्ति कर अविलंब लेखा परीक्षा कार्य पूर्ण करवा सकता है।

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रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करवाने पर होगी कार्यवाही

ऑडिट को लेकर जारी परिपत्र के मुताबिक अगर किसी सहकारी सोसायटी द्वारा लेखा परीक्षक को लेखा परीक्षा करवाने के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करवाया जाता हैं, या ऑडिट नहीं करवाई जाती हैं, तो उस सोसायटी के विरुद्ध परीक्षक द्वारा नोटिस जारी कर अविलंब संबंधित रजिस्ट्रार को लिखित्त में अवगत करवाना होगा । इस स्थिती में संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा अधिनियमानुसार कार्यवाही करने का प्रकरण तैयार कर संबंधित खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, उप, सहायक रजिस्ट्रार को भेजा जाएगा, जिस पर संबंधित रजिस्ट्रार द्वारा सोसायटी के विरुद्ध अधिनियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।

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