सार
Rajasthan : सरकार ने केंद्रीय सहकारी बैकों को दी आर्थिक राहत : सहकार नेता आमेरा और राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) प्रबंध निदेशक संजय पाठक के प्रयासों से केंद्रीय सहकारी बैकों मिली ऋण माफी पेटे बकाया ब्याज के रुप में 200 करोड़ की राशि
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 31 मार्च | राज्य सरकार के वित्त विभाग ने सहकारी बैकों के यूनियन नेतृत्व के साथ राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) की चिंता पर संज्ञान लेकर केंद्रीय सहकारी बैकों (CCB) को आर्थिक राहत प्रदान की हैं, वित्त विभाग की ओर से राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) के पी.डी. खाते में 30 मार्च को 200 करोड़ 50 लाख रुपए ऋण माफी के विरुद्ध देय ब्याज की अदायगी के लिए सहकारी बैकों को हस्तांतरित किए गए हैं, जबकि वर्ष 2018 एवं 2019 में हुई ऋण माफी के ब्याज पेटे बकाया राशि 765 करोड़ रुपए बताई जा रही हैं, इस दृष्टि से यह राशि 765 करोड़ के मुकाबले ऊँट के मुँह में जीरे जैसी बात हैं,
फिर भी सहकार नेता आमेरा की याचिका/परिवेदना पर वित्त विभाग की ओर से जारी राशि केंद्रीय सहकारी बैकों में करोड़ो की आर्थिक राहत साबित होगी । क्योकि राज्य सरकार द्वारा लगातार की गई दो ऋण माफ़ी 2018-19 व 2019-20 के विरुद्ध देय बकाया ब्याज के 765 करोड़ रुपये केंद्रीय सहकारी बैंकों को लंबे समय से नहीं मिलने के कारण बैकों द्वारा लेखा पुस्तिका में प्राप्य (रिसीवेबल आय) मद में दिखाई जा रही थी। इधर, 90 दिन से अधिक प्राप्य आय के विरुद्ध शत-प्रतिशत प्रावधान करने के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देश से राज्य के केंद्रीय सहकारी बैकों के सामने भारी आर्थिक संकट की स्थिति का निर्माण खड़ा होने की आंशका बनी हुई थी ।
हालांकि ऑल राजस्थान को-आपरेटिव बैंक एम्प्लाईज यूनियन व ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव सहकार नेता ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, मुख्यमंत्री के सचिव सहित सहकारिता विभाग पंजीयक को पत्र लिखकर प्रावधान के उपरांत केंद्रीय सहकारी बैकों की चिंताजनक आर्थिक स्थिति व सीआरएआर, लाभदेयता व आर्थिक मानदंडो की नकारात्मक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से राशि दिये जाने की मांग की थी । इसके अलावा, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने सभी सीसीबी से सूचना संकलित कर वित्त विभाग एवं सरकार को बैंक वाइज बिगड़ती सीआरएआर की स्थिति से अवगत करवाते हुए पैसा लाने के लिए सतत प्रयासरत किए थे । गौरतलब हैं कि वित्त विभाग से 200 करोड़ 50 लाख की राशि से प्रदेश के उन 14 केंद्रीय सहकारी बैकों को राहत मिलेगी, जिनके सीआरएआर बहुत ज्यादा नीचे जाने की संभावनाएं बनी हुई थी ।