सिरोही । डिजिटल डेस्क | 5 नवम्बर | जिले में सीजनली फसली ऋण वितरण करने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियां इन दिनों किसानों की नई साख सीमा स्वीकृत कराने में व्यस्त है। जिसके चलते जिलेभर में एक भी किसान को रबी सीजन में अभी तक फसली ऋण का वितरण नहीं हो पाया है। वही, इस वर्ष अच्छी बारीश के चलते जिलेभर के किसान रबी सीजन की बुवाई में जुट गए है, अब किसानों को बुवाई के समय फसली सहकारी ऋण का इंतजार है। लेकिन जिलेभर की ग्राम सेवा सहकारी समितियां पिछले एक माह से नई साख सीमा बनाने में लगी हुई है,
हालांकि सहकारी फसली ऋण पोर्टल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सिरोही जिले को छोड़कर प्रदेशभर में रबी सीजन का ऋण वितरण कार्य शुरु कर दिया गया है। ऐसे में सहकारिता से जुड़े जानकारों का कहना हैं कि सीसीबी बैंक प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली के चलते सीजन बीत जाने तक भी साख सीमा का कार्य पूरा नहीं हो पाएगा और इन कार्मिकों की धीमी गति का नुकसान किसान को भुगतना पड़ेगा ।
फसल चक्र के आधार पर बनती हैं साख सीमा
ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य किसानों की जिला स्तरीय तकनीकी समिति (डी.एल.टी.सी.) द्वारा निर्धारित फसल चक्र के आधार पर तय मापदण्डों के अनुसार साख सीमा बनायी जाती है, जिसमें किसान के पास उपलब्ध भूमि में बोई जाने वाली रबी एवं खरीफ की फसल के आधार पर अधिकतम साख सीमा स्वीकृत की जाती है। साख सीमा 3 वर्षो के लिये स्वीकृत की जाती है, जिसे वर्तमान में बढाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। फसल चक्र के आधार पर उपलब्ध करवाये जाने वाले अल्पकालीन फसली ऋण में खरीफ ऋण के चुकारे की अवधि 31 मार्च एवं रबी फसल हेतु प्राप्त ऋण के चुकारे की अवधि 30 जून तक होती है। फसली ऋण की साख सीमा के आधार पर अधिकतम 1.50 लाख रूपये का ऋण दिया जाता है।