सिरोही, 16 जुलाई। राज्य सरकार के कृषि विभाग जयपुर ने 9 जुलाई 2024 को खरीफ 2024 व रबी 2024-25 तक दो फसल मौसमो के लिये प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने की अधिसूचना जारी की तथा इसके साथ ही पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना की भी अधिसूचना जारी की गई। यह अधिसूचना भारत सरकार द्वारा फसल बीमा हेतु जारी परिचालन मार्गदर्शिता एवं जारी एडवाइजरी को प्रमुख शासन सचिव कृषि की अध्यक्षता में फसल बीमा पर गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार जारी गई।
संयुक्त निदेशक कृषि जिला परिषद के संजय तनेजा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के लिए विभिन्न फसलें सम्मिलित की गई है। उन्होंने बताया कि मक्का आबू, देलदर, पिंडवाडा व रेवदर तहसील के लिए, उड़द पिंडवाडा तहसील के लिए, बाजरा रेवदर व सिरोही तहसील के लिए, मूंगफली रेवदर व शिवगंज तहसील के लिए, ग्वार शिवगंज, सिरोही व रेवदर तहसील के लिए, तिल शिवगंज, सिरोही, पिंडवाडा, रेवदर तहसील के लिए, कपास शिवगंज व पिंडवाडा तहसील के लिए, ज्वार रेवदर व सिरोही तहसील के लिए तथा मूंग शिवगंज, सिरोही व पिंडवाडा तहसील के लिए बीमा में सम्मिलित किए गए है।
उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2024 बीमा कराने की अंतिम तिथि है। ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक व बटाई दार कृषक बीमा में शामिल हो सकते है। बीमा कराया जाना पूर्णतः स्वेच्छिक है। ऋणी कृषको से बीमा प्रीमियम की कटौती उनके बैंक खातो से की जाएगी जो कृषक बीमा से पृथक रहना चाहते है नामांकन की अंतिम तिथि से 7 दिवस पूर्व अर्थात खरीफ के लिए 25 जुलाई तक निर्धारित प्रारूप में घोषणा पत्र भर कर योजना से बाहर रह सकते है अन्यथा उनका बीमा वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक, भूमि विकास बैंक, सरकारी बैंक, सहकारी समिति द्वारा अधिसूचित इकाई क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए जिन कृषको को 31 जुलाई तक फसल ऋण की सीमा अनुमोदित स्वीकृत की गई है अथवा ऋण वितरित किया गया है योजनांतर्गत बीमा कर सकेंगे। गैर ऋणी कृषक वित्तीय संस्थाओं, सी एस सी सेंटर व डाक घरों से नियमानुसार बीमा कर सकेंगे। बीमा कराने के लिए आधार क्रमांक की अनिवार्यता होगी। जिले के लिए बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इन्शुरन्स कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड है जो कि भारत सरकार की एक कंपनी है, जो राज्य के 23 जिलों में कार्य करेगी।
ये जोखिम रहेंगे प्रधानमंत्री फसल बीमा में कवर
- कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमिय परिस्थिति में बुवाई नही कर पाने पर। प्रमुख फ़सलो हेतु केवल खरीफ में लागू।
- खड़ी फसल बुवाई से कटाई तक अवधि में सूखा, लंबी सूखा अवधि, बाड, जलप्लावन, कीट एव व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात से उपज में नुकसान पर व्यापक जोखिम बीमा लागू जिसका निर्धारण फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त उपज केआँकड़ो के आधार पर किया जाता है।
- फसल कटाई उपरांत खेत मे सूखने के लिए रखी फसल में चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओला वृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुक्सान के लिए कटाई के उपरांत अधिकतम 14 दिनों की अवधि के लिये लागू ।
- बीमा के लिए कृषक को खरीफ में बीमित राशि का 2 प्रतिशत एवं बागवानी व वाणिज्य फ़सलो के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, जोखिम स्तर 80 प्रतिशत रखा गया है।
ये रहेंगी फसल बीमा प्रीमियम राशि
मूंगफली की बीमित राशि 125678 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 2513.58, मक्का की बीमित राशि 36912 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 738.24, मूंग की बीमित राशि 35804 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 716.08, उडद की बीमित राशि 34373 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 687.46, ग्वार की बीमित राशि 33883 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 677.66, कपास की बीमित राशि 31588 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 1579.40, तिल की बीमित राशि 26139 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 522.78, ज्वार की बीमित राशि 22998 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 459.96 तथा बाजरा की बीमित राशि 21589 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 431.78 कृषकों का प्रीमियम हिस्सा निर्धारित किया गया है।
पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में ये रहेंगी कृषि व उद्यानिकी फसलें
खरीफ – अरण्डी, हरी मिर्च , अनार, टिण्डा व टमाटर : संयुक्त निदेशक कृषि जिला परिषद के संजय तनेजा ने बताया कि गत खरीफ 2023 में जिले में 2991 कृषकों को ऊंचास लाख के क्लेम का निर्धारण किया गया। योजना से जिले के किसानों को बीमा प्रावधानों के अनुसार तहसील एवं पटवार स्तर पर अधिसूचित फसलों पर बीमा से सुरक्षा कवच मिल पायेगा।