कागजी कार्यवाही में अटकी कृषि आदान-अनुदान की राशि

फसल खराबें का जायजा लेते हुए तत्कालीन सरकार के मंत्री सुखराम विश्नोई – File Photo 

जालोर । डिजिटल डेस्क | 4 जनवरी | गत साल 2023 के मार्च में हुई बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि से सांचौर जिले की रानीवाड़ा, सांचौर व चितलवाना तहसील के गांवों में फसलें जमींदोज हो गई थी, और बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों में भारी नुकसान होने पर अगस्त माह में आपदा प्रबंधन विभाग राजस्थान (Disaster Management Department Rajasthan) ने जालोर जिले में 292 गांवों को अभाव ग्रस्त घोषित कर फसल खराबें पर किसानों को कृषि आदान-अनुदान भुगतान करने की अनुमति प्रदान कर दी थी । लेकिन हाल ही में अतिरिक्त जिला कलेक्टर जालोर ने जिला कलेक्टर सांचौर को इस संबंध में पत्र के माध्यम से बताया कि रानीवाड़ा, सांचौर व चितलवाना तहसील के गांवों के काश्तकारों का शत-प्रतिशत विवरण अब तक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। जबकि जिला कलेक्टर द्वारा तीन बार जिला कलेक्टर सांचौर को पत्र भेजकर ओलावृटि से प्रभावित काश्तकारों का 7डी रिपोर्ट का विवरण डीएमआईएस पोर्टल (DMIS Portal) पर अपलोड करने के निर्देश लगातार जिला कलेक्टर जालोर दिए जा रहें है। लेकिन सांचौर जिले के विभिन्न तहसील कार्यालयों में वर्षो से राजनैतिक सरंक्षण से जमे अधिकारियों एवं कार्मिकों के कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही है। वही, वर्ष 2021 में इन्ही कार्मिकों की वजह से जालोर जिलेभर में 71634 किसान कृषि आदान-अनुदान की राशि से वंचित हो गए थे । इस मामले का खुलासा खुद आपदा प्रबंधन विभाग ने विधानसभा सत्र के दौरान विधायक जोगेश्वर गर्ग के सवाल पर किया था । जिसमें बताया गया कि सुखे से प्रभावित किसानों का विवरण डेटा पोर्टल पर अपलोड नहीं होने के कारण जिलेभर के 71634 किसान कृषि आदान-अनुदान की राशि से वंचित हो गए थे ।

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