नई दिल्ली । 3 फरवरी | लोकसभा में आज त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पेश किया गया। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने विधेयक पेश किया। विधेयक में गुजरात के आणंद में स्थित ग्रामीण प्रबंधन संस्थान को विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने का प्रावधान है। इसे त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा और इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जाएगा। संस्था सहकारी क्षेत्र में तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा तथा प्रशिक्षण प्रदान करेगी। यह संस्था सहकारी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगी और सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए वैश्विक उत्कृष्टता मानक स्थापित करेगी। यह संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से देश में सहकारी आंदोलन को भी मजबूती प्रदान करेगी।