नई दिल्ली | 4 सितम्बर | ‘सहकारिता के क्षेत्र का विकास: आत्मनिर्भरता के लिए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को सशक्त बनाना’ विषय पर हितधारकों के व्यापक परामर्श का कल नई दिल्ली में आयोजन किया गया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण के अनुसार इस वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष जनवरी माह तक सहकारिता मंत्रालय देश भर के सभी पैक्स की डिजिटलीकरण प्रक्रिया को पूर्ण कर लेगा। उन्होंने कहा कि देश भर के उन सभी क्षेत्रों में जहां पैक्स की पहुंच अभी तक सुनिश्चित नहीं की जा सकी है, वहां दो लाख नए बहुउद्देशीय पैक्स का गठन करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सहकारिता मंत्रालय की योजना अगले पांच वर्षों के भीतर डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों के रूप में दो लाख नए पैक्स विकसित करना है। श्री भूटानी ने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से मक्का की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वादा किया है। उन्होंने सभी किसानों से इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय सहकारिता उपभोक्ता संघ-एनसीसीएफ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) पर पंजीकरण कराने का आग्रह किया ताकि उन्हें बिना किसी बाधा के उनकी फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।