राज्य सरकार और किसानों को संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना में जारी नहीं किया जाता कोई प्रत्यक्ष वित्तीय धन

सार 

New Delhi : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग क्रेडिट प्रभाग से प्राप्त आरटीआई जवाब के मुताबिक, केसीसी के माध्यम से किसानों को रियायती दर पर अल्पकालीक कृषि ऋण प्रदान करने के लिए संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (एमआईएसएस) का किया जा रहा क्रियावन्यन

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विस्तार 

नई दिल्ली । डिजिटल डेस्क | 9 फरवरी | भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के ऋण अनुभाग द्वारा केसीसी के माध्यम से किसानों को रियायती ब्याज पर अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने के लिए संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (एमआईएसएस) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह जानकारी भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण विभाग के क्रेडिट प्रभाग ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में दी है.

आरटीआई के मुताबिक, योजना के अंर्तगत वर्ष 2018-19 से वर्ष 2023-24 के दौरान जारी धनराशि का विवरण

आरटीआई में बताया हैं कि एमआईएसएस योजना में किसी राज्य सरकार या किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय धन राशि जारी नहीं की जाकर विभिन्न बैंकों से प्राप्त दावों के निपटान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एवं राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (Nabard) को फंड जारी किया जाता हैं । वही कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन आदि के लिए 3 लाख रुपए तक का अल्पकालिक ऋण किसानों को 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा हैं, साथ ही आरटीआई के मुताबिक इस ऋण को वितरित करने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही हैं, वही ऋणों के शीघ्र और समय पर पुनर्भगतान के लिए 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सहायता दी जा रही हैं, इसके अलावा केवल संबद्ध गतिविधियों के लिए 2 लाख तक ऋण उपलब्ध कराया जाता हैं, जिस पर 3 प्रतिशत ब्याज सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैं ।

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