सार
New Delhi : लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि ईआरपी आधारित राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर से कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम और मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम के जरिए पैक्स के प्रदर्शन में आएगी दक्षता और पारदर्शिता
विस्तार
नई दिल्ली । डिजिटल डेस्क | 07 दिसम्बर | देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार ने 15 फरवरी 2023 को इस योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में अगले पांच वर्षों में देश के सभी पंचायतों/गांवों को कवर करते हुए 2 लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (एम-पैक्स), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित करने का प्रावधान है। यह कार्य राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) और राज्य सरकारों के सहयोग से डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) आदि सहित भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से किया जाएगा। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 19 सितबंर 2024 को एक मानक संचालन प्रक्रिया (मार्गदर्शिका) शुरू की गई है, जिसमें संबंधित हितधारकों के लिए लक्ष्य और समयसीमाएं निर्धारित की गई हैं। प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, भारत सरकार पैक्स के कार्यों के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक परियोजना को लागू कर रही है। इस परियोजना का कुल वित्तीय परिव्यय 2,516 करोड़ रुपए है। इसका उद्देश्य सभी कार्यशील पैक्स को ईआरपी (उद्यम संसाधन नियोजन) आधारित एक सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर से जोड़ना है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पैक्स को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के जरिए जोड़ा जाएगा। ईआरपी आधारित इस सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर से कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम और मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम के जरिए पैक्स के प्रदर्शन में दक्षता और पारदर्शिता आएगी।
67930 पैक्स कम्प्यूटरीकरण प्रस्तावों को मंजूरी
भारत सरकार ने 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 67,930 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसके तहत संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 699.89 रुपए करोड़ की राशि और नाबार्ड को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में 165.92 रुपए करोड़ जारी किए गए हैं। 21 नवंबर 2024 तक, कुल 40,727 पैक्स को ईआरपी सॉफ्टवेयर पर ऑनबोर्ड किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के 2,505 पैक्स भी शामिल हैं। पैक्स के डिजिटलीकरण की प्रगति (जैसे ईआरपी ऑनबोर्डिंग, हार्डवेयर की डिलीवरी, और ’गो-लाइव’ प्रक्रिया) का राज्य-वार विवरण, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है, अनुलग्नक के रूप में संलग्न किया गया है।
प्रति पैक्स 3.91 लाख रुपए की सहायता
पैक्स के डिजिटलीकरण परियोजना के तहत, प्रति पैक्स को 3.91 लाख रुपये (लगभग) की सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें हार्डवेयर की लागत (1,22,158 रुपये), सॉफ्टवेयर (72,103 रुपये), प्रशिक्षण (10,198 रुपये), सहायता प्रणाली की स्थापना (1,86,910 रुपये) शामिल है, जिसमें गुजरात राज्य के 5,754 स्वीकृत पैक्स शामिल हैं। परियोजना के तहत गुजरात राज्य में कुल 115 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है।