
नई दिल्ली । डिजिटल डेस्क I 7 फ़रवरी I सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज लोकसभा में ‘सहकारिता राष्ट्रीय नीति’ पर एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, कि नयी राष्ट्रीय सहकारिता नीति बनाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समिति बनाई गयी है और इस नीति से ‘सहकार से समृद्धि’ की सरकार की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी तथा देश में सहकारी आंदोलन सशक्त होगा।
शाह ने कहा, ‘‘नयी राष्ट्रीय सहकारिता नीति बनाने के लिए गत दो सितंबर, 2022 को सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया गया है जिसमें सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञों, राष्ट्रीय, राज्य, जिला, प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों, राज्यों के सचिव (सहकारिता) और सहकारी समितियों के पंजीयकों, केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया है।’’ अमित शाह ने अपने उत्तर में कहा, ‘‘नई राष्ट्रीय सहकारी नीति बनने से ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी, देश में सहकारी आंदोलन सशक्त होगा और इसकी पहुंच जमीनी स्तर तक होगी।’’ उन्होंने कहा कि नयी नीति का प्रारूप बनाने के लिए यह समिति प्रतिक्रियाओं, सुझावों और सिफारिशों की समीक्षा करेगी।
सहकारिता के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदम
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि पीएसीएस का कम्प्यूटरीकरण, पीएसीएस के लिए मॉडल उपनियम, सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के रूप में पीएसीएस, राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस, राष्ट्रीय सहकारी नीति, एमएससीएस अधिनियम, 2002 में संशोधन, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट में सदस्य ऋणदाता संस्थान, जीईएम पोर्टल पर ’खरीदार’ के रूप में सहकारी समितियां, सहकारी समितियों पर अधिभार में कमी, न्यूनतम वैकल्पिक कर में कमी, आईटी अधिनियम की धारा 269एसटी के तहत राहत, नई सहकारी समितियों के लिए कर की दर कम करना, पीएसीएस और पीसीएआरडीबीएस द्वारा नकद में जमा और ऋण की सीमा में वृद्धि, टीडीएस के लिए सीमा में वृद्धि, चीनी सहकारी मिलों को राहत, चीनी सहकारी मिलों के पुराने लंबित मुद्दों का समाधान, नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी बीज समिति, नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी जैविक समिति, नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी निर्यात समिति को मंजूरी देना जैसे कई महत्वपूर्ण कदम सहकारिता के क्षेत्र सरकार द्वारा उठाए गए हैं,