25 साल पुराने सहकार भवन में दरकने लगा है प्लास्टर…चार माह बाद फिर सुनाई दिया धमाके का शोर

सार 

Jodhpur : सहकार भवन में चार माह बाद फिर गिरा धमाके के साथ प्लास्टर, कर्मचारी एवं अधिकारी तितर बितर होकर भवन से भागे बाहर…स्थायी मरम्मत की कोई कार्ययोजना नहीं होने से भवन की संरचनात्मक सुरक्षा पर उठने लगे हैं गंभीर सवाल….

विस्तार 

जोधपुर । डिजिटल डेस्क | 25 अक्टूबर | राजस्थान में जर्जर भवन गिरने की घटनाओं में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी से आमजन भयग्रस्त है। वहीं जोधपुर स्थित सहकारिता विभाग (Cooperative Department) के खंडीय कार्यालय यानि राजीव गांधी सहकार भवन की छत से प्लास्टर गिरने की घटना सामने आई है। यहां शुक्रवार दोपहर 12 बजे रजिस्ट्रार (संस्थाएं) कार्यालय में छत से प्लास्टर का बड़ा हिस्सा भरभरा कर धमाके के साथ गिरा। करीब 30 किलो वजनी प्लास्टर की आवाज पूरे मंजिल में सुनाई पड़ी, जिससे कर्मचारी तितर बितर होकर भवन से बाहर भागने शुरु हो गए । घटना के वक्त वहां कर्मचारी एवं अधिकारी नहीं रहें, गनीमत रही कि कार्यालय प्रभारी उप रजिस्ट्रार (पंजीयन) मोहम्मद हारुन बेलिम छुट्टी पर थे। पूरा प्लास्टर उनकी टेबल और कुर्सी पर गिरा था जो आधा उछलकर नीचे गिर गया। इसको देखकर सहकार भवन के कर्मचारी दंग रह गए। गंभीर हादसा टल गया. हैरानी की बात यह है कि सहकारिता विभाग की ओर से अब तक न तो कोई सार्वजनिक चेतावनी जारी की गई है और न ही स्थायी मरम्मत की कोई कार्ययोजना सामने आई है. इससे भवन की संरचनात्मक सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं । ताजा घटनाक्रम अनुसार, इसी ही सहकार भवन में एक बड़े ओहदे के अधिकारी के स्थानांतरण को लेकर जोधपुर जिले के सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री तक लामबंद हुए । फिर उस अधिकारी के विरुद्ध मुख्य शिकायत एक विधायक के लैटरपेड पर की गई । जिस पर एक कैबिनेट मंत्री सहित सत्ताधारी पार्टी के विधायकों ने हस्ताक्षर कर, शिकायत सीधी मुख्यमंत्री को भेजी, जिसके पश्चात सहकारिता विभाग ने उस अधिकारी को एपीओ कर दिया । हालांकि अधिकारियों के तबादलों और मनचाहे अधिकारी को इस भवन की कुर्सी देते वक्त, स्थानीय राजनेताओं की कलम चलकर लेटर धड़ाके से मुख्यमंत्री तक पहुंच जाते हैं, लेकिन इस सहकार भवन के मरम्मत को लेकर इन स्थानीय राजनेताओं की कलम दबी रह जाती हैं और लेटर सालों-साल कागजों में गुम जाते हैं ।

4 माह में दूसरी घटना

यह राजीव गांधी के सहकार भवन में बीते चार माह में प्लास्टर गिरने की दूसरी घटना है, जिससे कर्मचारी डरे हुए हैं और पूरे परिसर में भय और आशंका का माहौल बन गया है. गत चार माह पहले बारिश के दौर में सहकारी उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक के चैंबर की छत का प्लास्तर पूरा गिर गया था । उससे पांच दिन पूर्व उप रजिस्ट्रार कार्यालय के भवन की छत से 10-15 किलो आरसीसी प्लास्टर कर्मचारी की टेबल पर गिर गया था। यहां जोधपुर में राजीव गांधी सहकार भवन के सभी कार्यालयों में भी यही स्थिति है। इसकी रिपेयरिंग को लेकर कर्मचारियों व अधिकारियों ने सहकारिता विभाग जयपुर को कई बार लिखित व मौखिक में अवगत करवाया। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

संभाग स्तर के कार्यालय पर ऐसी तस्वीर परेशान करने वाली

राजस्थान के सबसे बड़े संभाग जोधपुर में सहकारिता विभाग का सबसे बड़ा सहकार भवन, जहां जोधपुर खंड की सहकारिता प्रशासनिक धुरी चलती है, उसकी दीवारों और छतों का यूं दरकना न केवल सुरक्षा पर संकट है. बल्कि विभाग की लापरवाही का प्रतीक भी बनता जा रहा है. अगर समय रहते मरम्मत और रखरखाव की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो किसी अप्रिय हादसे की आंशका बनी हुई है ।

विभाग की चुप्पी, न मरम्मत न चेतावनी

हैरानी की बात यह है कि चार माह में दूसरी बार ऐसी घटना के बावजूद सहकारिता विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न तो भवन की मरम्मत के लिए कोई स्थायी कार्ययोजना बनाई गई है, न ही कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई सार्वजनिक चेतावनी जारी की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि विभाग की उदासीनता से उनकी जान हर माह खतरे में पड़ रही है। कई कर्मचारी संगठनों ने अब भवन की तकनीकी जांच और तत्काल मरम्मत की मांग उठाई है। साथ ही, इस स्थिति में अब सहकारिता विभाग जयपुर से तत्काल आपात निरीक्षण की मांग उठने लगी है. भवन के कमजोर हिस्सों की तकनीकी जांच कर उन्हें दुरुस्त करना जरूरी हो गया है ।

25 साल पुरानी बिल्डिंग में 10 कार्यालय, कई बार कहां पर सुधार नहीं

जोधपुर स्थित राजीव गांधी सहकार भवन का उद्घाटन 8 सितंबर 2003 को हुआ था। इसमें 10 से ज्यादा सहकारिता विभाग के कार्यालय संचालित होते हैं । जिसमें राज्य भूमि विकास बैंक, अरबन ऑपरेटिव बैंक, सहकार बाजार, पेंशनर काउंटर, होलसेल भंडार, अंकेक्षण कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय राजफैड, उप रजिस्ट्रार कार्यालय, अतिरिक्त रजिस्ट्रार के साथ सहकारिता के अन्य कार्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके अध्यक्ष अतिरिक्त रजिस्ट्रार अपील, आरओ कोषाध्यक्ष, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सचिव, भंडार मैनेजर सदस्य, उप रजिस्ट्रार सदस्य हैं। वही पूर्व में विशेष लेखा परीक्षक कार्यालय का प्लास्टर जगह-जगह गिरने से वह खाली करवा लिया गया। उप रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों को भी अन्यत्र बैठने के लिए कहा जाता रहा हैं। और चार माह पूर्व भण्डार के महाप्रबंधक के कक्ष की पूरी छत का प्लास्टर टूटकर अलग हो गया हैं और आरसीसी के सरिए लटकते नजर आ रहे हैं।

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