सार
Jodhpur : सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैकिंग) ने दिसंबर 2020 में एक मूल समिति और एक अतिरिक्त समिति से अधिक चार्ज नहीं देने के लिए जारी किए विभागीय निर्देश, लेकिन जोधपुर सीसीबी की तीन अलग-अलग शाखा की तीन सहकारी समितियां का चार्ज एक व्यवस्थापक के पास, जिसमें बावड़ी शाखा की चान्दरख, पावटा शाखा की सुरपुरा एवं तिंवरी शाखा की बालरवा जीएसएस शामिल

विस्तार
जोधपुर । डिजिटल डेस्क | 21 जून | ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Gss) में पिछले सात सालों से व्यवस्थापक (Manager) पदों पर भर्ती नहीं हो पाई हैं, जिससे यह पद रिक्त होने के चलते विभागीय नियमों को ताक में रखकर वित्तदाता बैंक द्वारा मनमाफ़िक तौर पर व्यवस्थापक पद के चार्ज थमाए जा रहें हैं, ऐसा ही प्रकरण अब जोधपुर केंद्रीय सहकारी बैंक (JCCB) की बावड़ी शाखा अंतर्गत संचालित चान्दरख ग्राम सेवा सहकारी समिति से सामने आया हैं । इस समिति में व्यवस्थापक के रिक्त पद का कार्यभार समिति मुख्यालय से 100 किमी दूर वाली तिंवरी शाखा की बालरवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक को दे दिया गया हैं, हालांकि इस व्यवस्थापक के पास पहले से बालरवा और सुरपुरा सहकारी समिति का कार्यभार हैं । जबकि इन तीन समितियों में अनुमानित दूरी 150 किमी से अधिक होने के कारण समिति मुख्यालय पर व्यवस्थापक द्वारा उपस्थिती देने में देरी के चलते फसली ऋण व्यवसाय का कार्य निरंतर प्रभावित हो रहा हैं । साथ ही, समिति मुख्यालय समय पर नहीं खुलने से किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं ।

गौरतलब हैं कि ग्राम सेवा सहकारी समितियां में फसली सहकारी ऋण वितरण एवं वसूली का कार्य निष्पादित करने के लिए व्यवस्थापक पद नियामनुसार सृजित किया हुआ हैं । वही निर्वाचित संचालक बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर वित्त दाता बैंक की ओर से समिति में वित्तीय लेन-देन के लिए संबंधित को व्यवस्थापक पद का कार्यभार दिया जाता है। जिससे समिति कार्यक्षेत्र में सरकार की सहकारिता विभाग के अधीन संचालित योजनाओं से आमजन को लाभान्वित किया जा सकें । लेकिन सीसीबी कार्यक्षेत्र की कई शाखाओं में बैंक अधिकारियों की सांठगांठ के चलते इस प्रस्ताव प्रणाली से जुगाड़ लागकर मनमाफिक समितियों का कार्यभार चुनिंदा व्यवस्थापकों दिया जा रहा हैं ।
समिति प्रस्ताव पर आंवटन किया जाता चार्ज
जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में सर्वाधिक दूरी वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों में व्यवस्थापक पद के चार्ज आंवटन के मामले को लेकर जब विभागीय अधिकारियों से सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि समिति के पारित प्रस्ताव के आधार पर समिति में व्यवस्थापक पद का वित्तीय लेन-देन संबंधित व्यक्ति को दिया जाता हैं । हालांकि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कोई भी नीतिगत निर्णय पारित के समय समिति की विभागीय नियानुसार संचालक बोर्ड की बैठक आहुत की जाती हैं, जिसमें राजकीय प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाने तथा बैठक में लिये गये प्रस्तावों के संबंध में किसी राजकीय प्रतिनिधि द्वारा असहमति व्यक्त करने की स्थिती में उसकी सूचना संबंधित रजिस्ट्रार को भिजवाने का बकायदा प्रावधान लागू हैं ।