सार
Jalore : सरकार की समर्थन मूल्य खरीद की व्यवस्था जालोर जिले में चरमरा कर रह गई हैं, एक ओर विधायक सहकारिता विभाग को बता रहें नाकारा, दूसरी ओर जोधपुर खंडीय कार्यालय से लेकर अधिनस्थ कार्यालयों में वर्षो से जमे अधिकारियों का संरक्षणवाद के चलते नहीं होता सालों-साल तबादला

विस्तार
जालोर । डिजिटल डेस्क | 4 जनवरी | जिले में समर्थन मूल्य खरीद में पिछले वर्षो से व्यवस्था इस कदर बिगड़ी हैं कि अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसानों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। इस व्यवस्था में भ्रष्टचार के दीमक ने अपने पैर इतने पसार लिए हैं कि अपनी उपज का बेचान करने के लिए खरीद केंद्रों पर रिश्वत देकर किसानों को समर्थन मूल्य खरीद (MSP) योजना का लाभ लेना पड़ रहा है। आखिर जिले में समर्थन मूल्य खरीद प्रणाली में रिश्वतखोरी के चल रहे सिलसिले का पर्दाफाश एसीबी ने कर, आहोर कॉपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी/सैल्समेन भंवरसिंह को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

जिले में समर्थन मूल्य में खरीद ही नहीं बल्कि सहकारिता विभाग की योजनाओं में प्रभावी मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण के लिए जिला मुख्यालय स्थित उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां कार्यालय में हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण व्यवस्था चहुँ ओर ध्वस्त होकर रह गई है, एक ओर जहां कोरोना काल में सहकारिता विभाग ने एक नई अभिवन पहल कर किसानों को सहकारी समिति स्तर पर ही समर्थन मूल्य खरीद योजना का लाभ देने के इरादे से गौंण मंडी एवं खरीद केंद्र स्थापित किए थे, लेकिन निरीक्षण एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव में ग्राम सेवा सहकारी समिति स्तर पर समर्थन मूल्य खरीद की व्यवस्था को चौपट करने का श्रेय भी इस ही कार्यालय को दिया जाता है।
विधायक ने विभाग को कहा नाकारा
हाल ही में जालोर कलेक्ट्रट सभागार में दिशा समिति की बैठक जालोर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने ली, इस दौरान किसानों की जिंसों का समय पर खरीद नहीं होनी की बात भी उठी, तो उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां जालोर के पद पर पदस्थ सुनिल वीरभान से इस संबंध में जन प्रतिनिधियों की ओर से सवाल पूछने पर उप रजिस्ट्रार ने समस्याएं गिनानी शुरु की तो रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी ने विभाग को नाकारा तक बताकर विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह अंकित कर दिया ।
सहकारिता विभाग में तबादलों पर भारी पड़ रहा संरक्षणवाद
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक ने जुलाई 2024 में जोधपुर खंड के एक इकाई कार्यालय में अधिकारी लगाने के लिए सहकारिता मंत्री को पत्र लिखा । लेकिन सहकारिता मंत्री के हाथ जोधपुर खंड में तबादले से जुड़ी पत्रावली तक नहीं पहुंच पा रहें है।

सहकारिता मंत्री मीडिया के सामने तो भजनलाल सरकार की “जीरो टॉलरेंस नीति” का सर्वाधिक बयान देते है। लेकिन खुद के सहकारिता विभाग में जोधपुर खंड के खंडीय कार्यालय से लेकर जिला स्तर पर सहकारिता विभाग के विभिन्न कार्यालय में विभागीय जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों एवं निरीक्षकों को पदों पर निरंतर काबिज रखने में मशरुफ रहता है। वही जोधपुर खंड के बारे में कहा जा रहा हैं कि सहकारिता विभाग के खंडीय कार्यालय से लेकर अधिनस्थ कार्यालयों में संरक्षणवाद इतना हावी हैं कि यहां सहकारिता विभाग की तबादला नीति भी कागजी कार्यवाही में दफन होकर रह जाती है।