कृषि विभाग से संबंधित गतिविधियों के संबंध में हितधारकों ने दिए सुझाव 

जालोर 11 सितम्बर। राजस्थान मिशन-2030 के संबंध में कृषि विभाग से संबंधित गतिविधियों के संबंध में हितधारकों के सुझाव के लिए गहन परामर्श कार्यक्रम की बैठक सोमवार को आत्मा सभागार, जालोर में आयोजित की गई।
बैठक में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कृषि एवं नोडल अधिकारी डॉ. शंकरबाबू ने  राजस्थान राज्य को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विजन-2030 के तहत कृषि क्षेत्र के मानकों के निर्धारण एवं इन मानकों को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना व विभागीय योजनाओं का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने विभागीय योजनाओं यथा- कृषि व उद्यान विभाग की राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन, राजस्थान जैविक खेती मिशन, राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन, राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन, राजस्थान संरक्षित खेती मिशन, राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन, राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन, राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन, राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन, राजस्थान कृषि तकनीक मिशन, राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन, राजस्थान युवा कृषक कौशल एवं क्षमता संवर्द्धनमिशन के साथ ही राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के बारे में जानकारी दी।
प्रस्तुतीकरण के पश्चात् कृषि विस्तार के संयुक्त निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह द्वारा बैठक में उपथित जनप्रतिनिधियों, कृषकों, बैंक अधिकारियों, कृषि अनुसंधान केन्द्र केशवना जालोर के वैज्ञानिकों, कृषि में पढने वाले छात्रों, खाद-बीज विक्रेताओं, सहकारी समिति, बीज निगम, फसल बीमा कंपनी व कृषि विभाग के कर्मचारियों से सुझाव मांगे गए। इस अवसर पर जालोर पंचायत समिति के प्रधान नारायणसिंह राजपुरोहित, आंवलोज सरपंच भंवरसिंह सहित हितधारकों द्वारा 50 से अधिक सुझाव दिए गए जिनको संकलित कर कृषि आयुक्तालय को प्रेषित किया जायेगा। 
बैठक में आत्मा के परियोजना निदेशक भूपेन्द्र सिंह राठौड, मुख्य वैज्ञानिक एवं क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ. दिलीप कुमार, नाबार्ड सिरोही के डीडीएम डॉ. दिनेश प्रजापत,, अग्रणी बैंक प्रबन्धक तेजप्रकाश जलथूरिया, उद्यान विभाग के उप निदेशक नरेन्द्र सिंह राठौड, कृषि विस्तार के सहायक निदेशक रामप्रताप गोदारा एवं कृषि विपणन व बीज निगम, बैंक अधिकारी के अधिकारियों एवं कृषि विभाग के कार्मिकों ने भाग लिया।
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