जालोर 10 फरवरी। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 की जिला स्तरीय स्वीकृति एवं छानबीन समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में रानीवाड़ा तहसील की मैसर्स मोटाबा एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा मूंगफली छिलका तोड़ने का उद्योग लगाने की परियोजना के लिए 18.68 लाख की स्वीकृति दी गई इस उद्योग के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। आवेदक को कृषक वर्ग होने के फलस्वरूप 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में 9.34 लाख रूपये अनुदान स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार मैसर्स कमल एग्रो सीड्स बडगांव द्वारा मूंगफली छिलका तोड़ने की परियोजना के लिए 194.65 लाख की पंजाब नेशनल बैंक द्वारा स्वीकृति दी जा चुकी है। चूंकि परियोजना के अनुदान के लिए 1 करोड़ से अधिक व्यय होने के कारण इस परियोजना के लिए उद्यमी के रूप में 25 प्रतिशत अनुदान देने के लिए अनुशंषा कर राज्य स्तरीय समिति को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया। यह परियोजना 167.22 लाख की स्वीकृति के आधार पर 41.80 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त करेगी। मैसर्स शिव शक्ति एग्रो प्रोसेसर भीनमाल द्वारा प्रस्तुत परियोजना में अभी तक बैंक ऋण स्वीकृत नहीं होने के कारण आगामी बैठक में रखे जाने का निर्णय लिया गया। कृषि विपणन के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक एवं सदस्य सचिव झब्बरसिंह ने बताया कि जिले में परियोजना के तहत दो आवेदन मंजूर किये गये है। इस योजना के तहत पूंजीगत अनुदान के रूप में कृषक को अधिकतम 1 करोड़ अथवा 50 प्रतिशत तथा इतनी ही राशि बैंक ब्याज के रूप में अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। कृषक को भूमि रूपान्तरण करने की आवश्यकता नहीं है। बैठक के अंत में जिला कलक्टर ने सभी सदस्यों सहित कृषि, उद्यान, पशुपालन एवं सहकारिता विभागों को निर्देशित किया है कि कृषकों एवं उद्यमों को प्रोत्साहित कर अधिक से अधिक लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।