जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं बाढ़ बचाव के संबंध में बैठक सम्पन्न

बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें-वृष्णि

जालोर 26 मई। जिले में वर्षा ऋतु में संभावित बाढ़, चक्रवात एवं अतिवृष्टि की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं बाढ़ बचाव के संबंध में बैठक डीओआईटी भवन में सम्पन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिए जिला मुख्यालय के सभी संबंधित विभाग अपने-अपने कार्यालय में 15 जून से 30 सितम्बर तक बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना करें साथ ही तहसील मुख्यालय पर भी 24 घंटे राउण्ड दी क्लॉक नियंत्रण कक्ष संचालित रखा जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा एवं बाढ़ बचाव के संबंध में पूर्व तैयारी करते हुए योजनाबद्ध तरीके से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें ताकि आपदा के समय उनका समुचित उपयोग किया जा सकें।
कलक्टर वृष्णि ने जल संसाधन विभाग व नर्मदा नहर परियोजना के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बांध व नहर की सुरक्षा दीवारों का निरीक्षण कर डेमेज व लिकेज पाये जाने पर उसकी मरम्मत की कार्यवाही अविलम्ब करवाना सुनिश्चित करें वही जिले के सांचौर एवं चितलवाना तहसील के नर्मदा नहर परियोजना के अधीन आने वाले बांधों की सुरक्षा, मुख्य नर्मदा नहर एवं वितरिकाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंधन करें।
उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं नेशनल हाईवे खण्ड बाड़मेर के अधिकारियों को निर्देश दिये कि तूफान, बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दौरान सड़क के किनारे खड़े वृक्ष गिरने से अवरूद्ध होने वाले मार्ग से पेड़ तत्काल हटवाकर आवागमन बनाये रखने के लिए अभी से ही पूर्ण तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि जिले में क्षतिग्रस्त सरकारी भवनों का चिन्हीकरण कर उनकी मरम्मत करवाने तथा अनुपयुक्त पाये जाने वाले भवनों का खाली करवाया जावें। उन्होंने राजकीय भवनों की छतों की सफाई का कार्य करवाने, पुराने बांधों की स्थिति का जायजा लेने तथा ऐसे स्थान जहां पर पानी इकट्ठा होता है, वहां पर सफाई रखने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिये।
बैठक में कलक्टर ने विद्युत विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिले की समस्त वि़द्युत लाईनों, लूज वायरिंग, ट्रांसफामर्स का फिल्ड स्टाफ के माध्यम से चैकअप करवाये तथा जहां पर रख-रखाव की आवश्यकता है उन्हें ठीक करवाना सुनिश्चित करें ताकि विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं रहे। आंधी-तूफान के समय क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों को तत्काल मरम्मत को प्राथमिक दें ताकि जिले की पेयजल व्यवस्था बाधित न हो। उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था को बनाये रखने के लिए विभाग का प्लान तैयार करने की बात कही जिससे आपदा के दौरान आमजन को शुद्ध पेयजल आपूर्ति हो सकें। शहरी क्षेत्रों में पाईप लाइन के पास नालों की साफ-सफाई एवं लिकेज को नगरपरिषद एवं नगपालिकाओं के सहयोग से तुरन्त ठीक करवायें।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा मोबाइल टीमों का गठन कर उसमें पर्याप्त स्टाफ एवं दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही आबादी में जल भराव वाले क्षेत्रों में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए एमएलओ का पर्याप्त स्टॉक रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि रसद विभाग के अधिकारी जिले के समस्त पेट्रोल पम्प पर पीओएल तथा गैस एजेन्सी के माध्यम से एलपीजी गैस को रिजर्व करवाना सुनिश्चित करें ताकि आापदा के दौरान रिजर्व स्टॉक का उपयोग हो सकें। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दौरान प्रभावित व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था एनजीओ, दानदाताओं, समाजसेवी संस्थाओं एवं भामाशाहों से सहयोग प्राप्त कर व्यवस्था करने के साथ अभी से ही फूड पैकेट्स बनाने वालों को चिन्हित करें।
कलक्टर ने पशुपालन विभाग को जलभराव की स्थिति में प्रभावित होने वाली गौशालाओं को चिन्हित कर पशुओं को बचाने की योजना तैयार रखने, वन विभाग को स्नेक केचर की व्यवस्था रखने, परिवहन विभाग को आपदा के दौरान वाहनों के अधिग्रहण के साथ क्रेन व जेसीबी की व्यवस्था करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने एनसीसी केडेट्ों व एनएसएस वॉलेन्टियर्स को बाढ़ के दौरान जन साधारण को सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय शहरी क्षेत्रों में 15 जून से पूर्व नाले-नालियों की सफाई विशेष अभियान चलाकर किया जाना सुनिश्चित करें ताकि पानी के सही निकासी होने से वर्षा के संक्रामक रोगों से बचा जा सकें साथ ही नगरीय क्षेत्र में रैन बसेरे में ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था करने की बात कही। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को आवश्यकता होने पर एसडीआरएफ व एनडीआरएफ टीमों को बुलाने एवं सिविल डिफेंस टीम को तैयार रखने के निर्देश दिये।
बैठक में वीसी के माध्यम से जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं विकास अधिकारियों को भी संबंधित विभाग की उपखण्ड स्तरीय बैठक आयोजित कर आपदा प्रबंधन के संबंध में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की बात कही।
बैठक में जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, अति. जिला कलक्टर छगनलाल गोयल, अति. पुलिस अधीक्षक अनुकृति उज्जैनिया, सीएमएचओ डॉ.जी.एस.देवल, पीएमओ डॉ.एस.पी.शर्मा, विद्युत विभाग के एसई सीएस मीणा,सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता रमेश सिंघाडिया, जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियन्ता आशीष द्विवेदी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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