सार
Jaipur : 8.71 लाख से अधिक नए सदस्य बने, 1,688 ग्राम पंचायतों में पैक्स गठन के लिए सर्वे की कार्यवाही पूर्ण, 1,340 सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण के लिए हुआ भूमि का चिन्हीकरण
विस्तार
जयपुर, 16 अक्टूबर। ‘सहकार सदस्यता अभियान’ के अंतर्गत प्राप्त हुए बेहतर परिणामों के दृष्टिगत राज्य सरकार ने अभियान की अवधि 22 अक्टूबर, 2025 तक बढ़ा दी है। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक ने बताया कि 18 एवं 20 अक्टूबर के अवकाश को छोड़कर शेष दिवसों में पैक्स में शिविर लगाए जा सकेंगे। पूर्व में अभियान की अवधि 2 से 15 अक्टूबर तक निर्धारित की गई थी।
श्री दक ने बताया कि अभियान के अंतर्गत अब तक लगभग 8,500 पैक्स के स्तर पर शिविरों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। इस दौरान प्रमुख रूप से 5 प्रकार की गतिविधियां आयोजित कर उनमें आशानुरूप परिणाम प्राप्त किये गए। उन्होंने बताया कि युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में सहकारिता से जोड़ना अभियान के अंतर्गत सबसे प्रमुख गतिविधि है। इस दिशा में बेहतरीन कार्य करते हुए अब तक 8.71 लाख से अधिक नए सदस्य बनाए जा चुके हैं। इसी प्रकार, पैक्सविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन पैक्स गठन की कार्यवाही के तहत 1,688 ग्राम पंचायतों में सर्वे की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। इनमें से 1,288 पैक्स हेतु जिला स्तरीय कमेटी की बैठक आयोजित हो चुकी है। जबकि, 1208 पैक्स के गठन हेतु प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हो चुके हैं।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि अभियान के अंतर्गत अब तक भूमिविहीन या अपर्याप्त भूमि वाली 1,340 सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण हेतु भूमि का चिन्हीकरण किया गया है तथा 1,213 सहकारी समितियों द्वारा भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया गया है। इस दौरान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लम्बित आवेदनों में से 38 हजार 437 कृषकों की आधार सीडिंग व 27 हजार 209 कृषकों की ई-केवाईसी का कार्य पूर्ण किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान अब तक 10.78 लाख से अधिक लोगों को प्रस्तावित नवीन सहकारी कानून के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी जा चुकी है।
राज्य की भण्डारण क्षमता में आशातीत वृद्धि होगी
श्री दक ने कहा कि सहकार सदस्यता अभियान राज्य में सहकारिता का नेटवर्क मजबूत करने तथा सहकारी आंदोलन को नई ऊंचाइयां देने की दिशा में अहम कड़ी साबित हो रहा है। बड़ी संख्या में नवीन पैक्स के गठन तथा युवाओं एवं महिलाओं के सहकारी समितियों से जुड़ने से राज्य में जमीनी स्तर पर पर सहकारिता का नेटवर्क और अधिक मजबूत हो रहा है, जिससे अधिक लोगों तक सुचारू रूप से जनकल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी। साथ ही, भूमिविहीन समितियों को भूमि आवंटन हो जाने से इन समितियों में गोदाम के निर्माण की राह प्रशस्त होगी, जिससे राज्य की भण्डारण क्षमता में आशातीत वृद्धि होगी।