भर्ती और स्क्रीनिंग के गुत्थमगुत्था में फिर उलझ जाएगी सहकारिता विभाग की पैक्स स्तरीय योजनाएं

सार 

Rajasthan : RCEJSC ने 1 दिसंबर तक स्क्रीनिंग के आदेश जारी नहीं होने की स्थिती में सम्पूर्ण राजस्थान में पुनः अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का रुख अपनाकर ऋण वसूली एवं ऋण वितरण, पैक्स कंप्यूटराइजेशन, नवीन पैक्स गठन की योजनाओं को ठप करने का किया ऐलान

विस्तार 

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 21 नवम्बर | प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों  (Pacs) में व्यवस्थापकों के रिक्त पदों पर भर्ती और 10 जुलाई 2017 तक नियुक्त कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का गुत्थमगुत्था फिर से सहकारिता विभाग की पैक्स स्तरीय योजनाओं का उलझाता हुआ नजर आ रहा है । ऐसा इसलिए क्योंकि एक ओर विभाग की ओर से ग्राम सेवा सहकारी समितियों में व्यवस्थापकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है और दूसरी ओर कैडर अथोरिटी गठन करने और स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितीकरण की प्रक्रिया पर आश्वसान दिया जा रहा है । दरअसल, इस विभाग में सब अपनी-अपनी डफली बजाकर अपना-अपना राग अलाप रहे है ।

जहां, ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) में रिक्त पदों पर सालों बाद भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ होने जा रही है, तो वहां राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, जिसमें राजस्थान के तीन प्रमुख संगठन शामिल हैं, के द्वारा भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने से पूर्व ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 10 जुलाई 2017 से तक नियुक्त कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने के लिए निवेदन किया है ।

साथ ही, यूनियन द्वारा 30 नवंबर तक का विभाग को समय देते हुए 1 दिसंबर तक स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं होने पर विभाग को योजनाओं को पूर्ण रूप से ठप करने का जिक्र पत्र में किया गया है । इसके अलावा, पत्र की प्रतिलिपी सदस्य सचिव राजस्थान राज्य सहकारी भर्ती बोर्ड को भेजकर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने से पूर्व सहकारिता विभाग पंजीयक का अभिमत जानने का निवेदन भी किया गया है ।

आंख के अंधे नाम नयनसुख

प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवसाय की मात्रा एवं वित्तीय सक्षमता को दृष्टिगत रखकर सहकारिता विभाग पंजीयक द्वारा 11 फरवरी 2010 को स्टाफ स्ट्रैन्थ का निर्धारण किया गया था । जिसके आधार पर ही विभाग में स्क्रीनिंग (एक तरीके से स्थाईकरण) की प्रक्रिया होती थी । लेकिन सहकारिता विभाग पंजीयक (Registrar) द्वारा व्यवस्थापकीय सेवानियम-2008 (जिसकी धारा-33 एवं 34 के तहत स्क्रीनिंग होती) को पूर्णतः बदलकर व्यवस्थापकीय सेवानियम – 2022 में स्क्रीनिंग के स्थान पर भर्ती प्रक्रिया को प्रारम्भ किया। जबकि स्क्रीनिंग को केवल एक बार संपन्न कर उसके पश्चात व्यवस्थापकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती करने का प्रावधान सेवानियम 2022 में किया गया । हालांकि राज्य के उदयपुर खंड के चार जिलों सहित अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक जिलों को छोड़कर अन्य जिलों से इस प्रक्रिया में करीब 1214 व्यवस्थापकों का स्थाईकरण हुआ था । जिसमें सर्वाधिक जोधपुर में 136 और सबसे कम सिरोही में 6 व्यवस्थापकों का ही नियमितीकरण हुआ ।

कर्मचारियों में रोष व्याप्त…

राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (RCEJSC) ने मुख्य सचिव, सहकारिता मंत्री, सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सहित राजस्थान राज्य सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक को एक पत्र भेजा है । जिसमें विभाग और संघर्ष समिति के मध्य हुई समझौता वार्ता के बावजूद भर्ती को प्रारम्भ करने पर प्रश्नचिन्ह लगाया गया है । साथ ही, पत्र में बताया गया है कि जब समझौता वार्ता के बाद विभाग द्वारा स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितीकरण की प्रक्रिया पर विधिक राय लेकर एक माह में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया । फिर यह प्रक्रिया क्यों प्रारम्भ की गई ? इससे संघर्ष समिति सहमत नहीं है और सहकारी समितियों के कार्मिकों में रोष व्याप्त है ।

संघर्ष समिति और विभाग के मध्य वार्ता कमेटी की बैठक

कमेटी के सदस्य ने मांगी भर्ती अर्भ्यथना

सहकारिता विभाग द्वारा वार्ता कमेटी में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय), राजस्थान राज्य सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) एवं संयुक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) और राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तीन संयोजकों और सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा की उपस्थिती में तीन प्रमुख मांगों पर 6 अक्टूबर को सहमति बनी । जिसके उपरांत अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग), जो वार्ता कमेटी में शामिल थे, के द्वारा 14 नवंबर 2025 को आदेश जारी कर समस्त केन्द्रीय सहकारी बैंक प्रबंध निदेशकों से व्यवस्थापकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए अर्भ्यथना प्रस्ताव मांगे जा रहे है ।

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