सार
Jaipur : सहकार से समृद्वि की संकल्पना को साकार कर रही राज्य सरकार— मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा – नए को-ऑपरेटिव कोड के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय पर मंगलवार दोपहर आयोजित हुई महत्वपूर्ण बैठक
विस्तार
जयपुर, 14 अक्टूबर। सहकार से समृद्धि की संकल्पना को साकार करने में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार सहकारी समितियों को सशक्त कर ग्रामीणों की आय बढ़ाने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने तथा किसानों को बेहतर बाजार के अवसर सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नवीन को-ऑपरेटिव अधिनियम से सहकारिता आंदोलन और अधिक समावेशी बनेगा तथा सहकारी सोसायटियों में प्रक्रियाओं के सरलीकरण, पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता को बढ़ावा मिलेगा।
श्री शर्मा मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री कार्यालय पर नए को-ऑपरेटिव कोड के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन के हित में सहकारी कानून को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए नवीन सहकारी कोड लाने जा रही है। इस संबंध में अधिकारियों ने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल इत्यादि राज्यों के सहकारी कानूनों के प्रभावी प्रावधानों का समावेश नए सहकारिता कोड में किया है, जिससे सहकारी संस्थाएं सशक्त हो सके।
इस दौरान कृषि मंत्री श्री किरोड़ी लाल मीणा, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहें। बैठक में शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर सहित क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
सतत् विकास में सहकारी समितियों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण
श्री शर्मा ने कहा कि सतत् विकास में सहकारी समितियों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश में सहकारिता को सभी के लिए सुलभ बनाया जाए, ताकि लोगों को सशक्त होने के अधिक से अधिक अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इस नवीन को-ऑपरेटिव कोड में सहकारी समितियां अपने कार्यक्षेत्र के बाहर स्वयं की दुकानों अथवा आउटलेट खोलकर सीधे अपने उत्पाद बेच सकेगी। साथ ही, ऑडिट को मजबूत करने के लिए सोसायटी द्वारा समय पर ऑडिट रिपोर्ट को विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिससे आमजन को भी इसकी जानकारी समय से मिल सकेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवीन को-ऑपरेटिव कोड में वे समस्त प्रावधान जोड़े जाएं, जिससे सहकारी समितियों को पारदर्शी एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके।
सहकारी समितियों के उपनियमों में संशोधन संबंधी सुझाव दिए
बैठक में नवीन को-ऑपरेटिव कोड में सहकारी सोसायटियों की परिभाषा को स्पष्ट करने, पंजीयन एवं उपनियम संशोधन की समय-सीमा घटाने, पात्र व्यक्तियों की सदस्यता सुनिश्चित करने, समितियों के प्रबंधन में अधिक से अधिक लोकतांत्रिक नेतृत्व को विकसित करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने सहित विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान बैठक में विभिन्न क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने सहकारी समितियों के उपनियमों में संशोधन संबंधी सुझाव दिए।