Rajasthan : सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में गोपालक परिवारों को गाय/भैंस हेतु शैड, खेली निर्माण एवं चारा/बांटा सहित आवश्यक उपकरण खरीदने के लिये एक वर्ष तक ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा केंद्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है
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जयपुर । डिजिटल डेस्क | 18 दिसम्बर | राज्य में गोपालकों को एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने वाली राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना (GCC) में ऋण वितरण की समस्त प्रक्रिया अब फाइनेंशियल इंक्लूजन गेटवे (FIG) पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी । असल में इस योजना को लेकर राज्य के कुछ जिलों में पिछले दो माह चली उथल-पुथल ने इस योजना का कायापलट करने के लिए विभाग को विवश कर दिया है । इसी के चलते अब विभाग ने पुरानी प्रणाली को बदलकर इस योजना को फाइनेंशियल इंक्लूजन गेटवे (एफआईजी) पोर्टल पर लाने का ठान लिया है । इसके लिए सहकारिता विभाग पंजीयक (Rcs) कार्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग-प्रथम) प्रेम चन्द जाटव ने राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है । जिसके मुताबिक जब तक राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना का एफआईजी पोर्टल पर इन्टीग्रेशन नहीं हो जाता, तब तक के लिए वर्तमान में चल रही व्यवस्था को होल्ड किया जाएं । इसके बाद राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने सहकारिता विभाग पंजीयक (Rcs) कार्यालय के इन निर्देशों का क्रियान्वयन योजना अंतर्गत नवीन आवेदन के लिए किया जाने हेतु संयुक्त निदेशक राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड (RISL) योजना भवन को पत्र लिखा है । जिसके मुताबिक इस योजना में नवीनीकरण के प्रकरण के लिए पूर्वानुसार कार्यवाही की जानी चाहिए ।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार कार्य किया जाना उचित
राजस्थान गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पूर्व में वितरित ऋणों के रिन्युअल और नवीनीकरण के लिए वर्तमान व्यवस्थानुसार कार्य किया जाने के लिए राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने सहकारिता विभाग पंजीयक (Rcs) कार्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग प्रथम) को पत्र लिखा है । प्रबंध निदेशक के अनुसार, इस योजना में वर्तमान व्यवस्था के तहत कार्य नहीं किए जाने पर ऋण राशि अवधिपार हो जाएगी और गोपालकों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा । साथ ही, सहकारी बैंकों को भी ब्याज अनुदान की हानि होगी । इसलिए नवीनीकरण व्यवस्था में शिथिलता दी जानी चाहिए ।
सीसीबी एमडी निलंबित और कारण बताओं नोटिस
राज्य में गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर पिछले सप्ताह बाड़मेर केंद्रीय सहकारी बैंक चर्चित रही । यहां, अनियमित ऋण वितरण की शिकायत पर सहकारिता विभाग पंजीयक ने जांच कमेटी गठित कर जांच करवाई, जिसके बाद सहकारिता विभाग द्वारा सीसीबी के प्रबंध निदेशक को निलंबित किया गया । साथ ही, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक को भी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में बाड़मेर जिले में अनियमितत ऋण वितरण की जानकारी होने के बाजवूद कार्यवाही नहीं करने के चलते कारण बताओं नोटिस जारी किया गया ।
सर्वर की समस्या वाले ‘जाल के पेड़’ पर अटका एफआईजी पोर्टल
एफआईजी पोर्टल, यह नाम पिछले साल प्रदेशभर में किसानों के लिए ‘चुनावी चस्को की तरह’ खूब चर्चा का विषय रहा । इस पोर्टल का सर्वर के प्रति खरापन लगभग प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समितियां जानती है । क्योंकि इस पोर्टल के जरिए राजस्थान सरकार की ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण योजना का क्रियावन्यन किया जाता है । इस योजना में भी किसानों को ऋण नवीनीकरण या यूं कहें नया-पुराना कराने के लिए भी एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है । सबब अधिकतर किसान इस पोर्टल की वजह से अवधिपार होकर रह गए है । यह पोर्टल हर वक्त सर्वर की समस्या वाले ‘जाल के पेड़’ पर लटका रहता है । इसे नीचे उतारने के लिए शीर्ष सहकारी बैंक ने खूब छलांग मारी, लेकिन यह पोर्टल सर्वर की समस्या के इस जाल से नीचे उतर ही नहीं पाया है ।
राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना का क्रियान्वयन एफआईजी के माध्यम से किया जाने के लिए सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का स्वागत करते हैं, इस निर्णय से योजना में ऋण वितरण प्रणाली में पूर्ण पारदर्शिता और प्रामाणिकता आएगी और पात्र गोपालकों को योजना का लाभ मिल सकेगा । साथ ही वसूली की लेखांकन से योजना की पारदर्शिता बरकरार रहेगी । पिछले दिनों इस योजना को लेकर ऋण वितरण में उजागर प्रकरण के बाद संपूर्ण राज्य में इस गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में अनियमित ऋण वितरण की प्रभावी जांच करवाने के साथ-साथ दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग सरकार से करते है ।
प्रकाश वैष्णव 25 सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं । सर्वप्रथम साप्ताहिक समाचार पत्र जय सत्यपुर से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत कर लोक सूचना एवं क्षेत्र का साथी समाचार पत्र में सेवा दी । उसके बाद पिछले कई सालों से मारवाड़ का मित्र हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र का संचालन निरंतर कर रहें हैं ।