सार
Jaipur : सहकारी संस्थाओं की बैठके आयोजित करते समय राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 एवं नियम 2003 के उपनियमों की पूर्ण रूप से पालना करने के निर्देश जारी
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 28 नवम्बर | प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में आमसभा एवं संचालक मण्डल की बैठक का आयोजन करते समय राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 एवं 2003 के नियमों की पालना नहीं की जाती है। अब सहकारिता विभाग पंजीयक (Registrar) ने इस संबंध में आदेश जारी कर सहकारी संस्थाओं की बैठके आयोजित करते समय राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 एवं नियम 2003 के उपनियमों की पूर्ण रूप से पालना करने के निर्देश दिए गए है। जिसमें सहकारी समिति की बैठक का नोटिस चस्पा करने, राजकीय प्रतिनिधियों को बैठक में आमंत्रित करने, सहकारी समिति के लेखे तैयार होने के पश्चात तीन मास के भीत्तर वार्षिक साधारण बैठक आहुत करने के निर्देश दिए गए है । इसी प्रकार विशेष साधारण बैठक मे कोरम का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा यदि किसी सहकारी समिति की बैठक में पारित कोई संकल्प सोसाइटी के उद्देश्यों के विरूद्ध है या सदस्यों के हितों के प्रतिकूल है या इस अधिनियम, नियमों के या सोसाइटी की उपविधियों के उपबंधों के विरूद्ध होने की स्थिती में संकल्पों को विखण्डित करने की शक्ति रजिस्ट्रार के पास होगी ।
समिति की बैठक का नोटिस करना होगा चस्पा
रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक किसी समिति की बैठक का नोटिस, बैठक का स्थान, तारीख और समय, साथ ही बैठक में किये जाने वाले कारबार या ऐजेंडा की कार्यसूची समिति के प्रत्येक सदस्य को बैठक की कालावधि से कम से कम सात दिन पूर्व विनिर्दिष्ट करने के साथ-साथ यदि कोई भी अति आवश्यक कारबार, जिसे नोटिस के साथ भेजी गयी कार्यसूची में सम्मिलित नहीं किया गया है, उसे बैठक में उपस्थित समस्त सदस्यों की सहमति से लोन के पश्चात उस पर विचार किया जाएगा ।
वार्षिक साधारण बैठक तीन मास की कालावधि में हो आहुत
रजिस्ट्रार के अनुसार प्रत्येक सहकारी संस्थाओं की प्रवृत्त नियमों के अधीन वर्ष के अपने लेखे तैयार करने के लिए नियम तारीख के पश्चात आगामी तीन मास की कालावधि के भीत्तर-भीत्तर सदस्यों की वार्षिक साधारण बैठक आहुत करनी होगी । साथ ही संचालक मण्डल की बैठकों में राजकीय प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए, वही अगर बैठक में लिये गये प्रस्तावों के संबंध में यदि किसी राजकीय प्रतिनिधि द्वारा असहमति व्यक्त की जाती हैं, तो उसकी सूचना संबंधित रजिस्ट्रार को भिजवाने के निर्देश दिए गए है।