जयपुर 7 मई। कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक एवं राष्ट्रीय परिदृश्य के दृष्टिगत राज्य में पशुओं की समुचित चिकित्सा व्यवस्था पर पशुपालन विभाग, द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है। श्री कटारिया ने कहा कि कोरोना लॉकडाऊन से जहां जिंदगी थम सी गयी है इसका असर मूक पशुओं पर पड़ना भी स्वभाविक है। उन्होंनें इस कोरोना संक्रमण काल में पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिकों द्वारा दी जा रही सेवाओं की कोटि-कोटि प्रशंसा करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। श्री कटारिया ने कहा कि गृह विभाग द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार पशु चिकित्सालयों, प्रयोगशालाओं में कार्यरत पशु चिकित्सक एवं सहायक कार्मिकों को आवश्यक सेवाओं में शामिल होने के बाद भी फ्रंट लाईन वर्कर्स नही है। उन्होनें कहा कि विभागीय पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिकों को फ्रंट लाईन वर्कर्स में शामिल किये जाने के लिए प्रकरण राज्य सरकार के स्तर पर विचाराधीन है ताकि कार्मिकों को कोरोना वारियर्स के समान लाभ मिल सकें। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई जिलों में पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिकों की सेवाएं इस कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिकों द्वारा इन विषम परिस्थितियों में दी जा रही अभूतपूर्व सेवाओं के लिए उनकी सुरक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिकों को प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाये जाने हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 7 मई को पत्र लिखते हुए आग्रह किया गया है कि इस सम्बन्ध में अधीनस्थ कार्यालयों को यथोचित निर्देश प्रदान करावें ताकि कार्मिकों में यथाशीघ्र टीकाकरण हो सके। श्री कटारिया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु पशु चिकित्सालयों एवं प्रयोगशालाओं में कार्यरत स्टाफ के लिए विभागीय स्तर से 20 हजार मास्क, 15 हजार सैनिटाईजर, 20 हजार पी.पी.ई. किट एवं 20 हजार दस्तानें (ग्लोवज) उपलब्ध कराये गये है। इस सामग्री का आवंटन सभी सम्भाग स्तरीय कार्यालयों को 19 मार्च को किया जा चुका है। श्री कटारिया ने बताया कि लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और कार्मिकों में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए सभी पशु चिकित्सा संस्था प्रभारी जिला स्तरीय संयुक्त निदेशक से अनुमति प्राप्त कर जरूरत के अनुसार मास्क, सैनिटाईजर, साबुन आदि खरीद तय राशि अनुसार कर सकेंगें। इसके लिए पशुपालन निदेशालय स्तर से आज दिनांक-7 मई को 19 लाख 30 हजार रूपये की राशि जिला कार्यालयों को उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने स्वच्छता एवं साफ-सफाई सम्बन्धी सामान्य निर्देशों का अनुपालन किये जाने की अपील करते हुए बताया कि सामान्य निर्देंशों की पालना से हम इस विपदा से निपट पायेंगें। शासन सचिव पशुपालन विभाग डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि कोरोना लॉकडाऊन के चलते पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिकों को अपने कार्यस्थल पर आने-जाने में किसी प्रकार की असुविधा नही हों इसके लिए सभी कार्मिकों के परिचय पत्र बनाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि कार्मिकों के परिचय पत्र बनाये जाने के लिए 5 लाख 63 हजार रूपयें की राशि भी जिला कार्यालयों को उपलब्ध करायी गई है।
दिवंगत पशु चिकित्सा कार्मिकों कें प्रति गहरी संवेदना
कृषि एवं पशुपालन विभाग के मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कोरोना काल के दौरान मूक पशुओं की चिकित्सा करते हुए दिवंगत विभागीय पशु चिकित्सकों एवं सहायक कार्मिको के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह जीवन की सबसे मुश्किल घड़ी है मुश्किल की इस घड़ी में अपनी उम्मीद ना खोये। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नही है कि विभाग के लिए यह अपूर्णीय क्षति है, संकट की इस घड़ी में विभाग परिजनों के साथ खड़ा है।