सार
Rajasthan News : रबी ऋण वसूली की विस्तारित अवधि का 6 करोड़ ब्याज अनुदान भी राज्य सरकार की बजट घोषणा की पालना में सरकार स्तर से वहन करने की मांग रखते हुए सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने सहकारिता विभाग शासन सचिव को ज्ञापन देकर निर्णय पर पुनर्विचार की मांग रखी है,
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 17 अगस्त | हाल ही में राज्य के सहकारिता विभाग (Cooperative Department) ने गत रबी सीजन में वितरित अल्पकालीन फसली ऋणों (ST Crop Loan) की वसूली अवधि 30 जून से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी, इस विस्तारित अवधि के दौरान अल्पकालीन फसली ऋण वसूली पेटे देय 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान के रुप में 6 करोड़ रुपए की राशि केंद्रीय सहकारी बैंकों (CCB) को वहन करनी पड़ेगी । इस निर्णय पर चिंता व्यक्त करते हुए ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन, ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव एवं सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने शासन सचिव सहकारिता विभाग एवं पंजीयक (Registrar) सहकारिता विभाग को ज्ञापन देकर सहकारिता विभाग के इस बैंक विरोधी निर्णय पर पुनर्विचार कर 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान राज्य सरकार स्तर से ही वहन किए जाने की मांग रखी है ।
सहकार नेता ने कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक को रिजर्व बैंक (RBI) के बैंकिंग लाइसेंस के तहत बैंकिंग अनुशासन में कार्य करना होता है, जिसमें सरकार के इस निर्णय से परेशानी पैदा होगी । रिजर्व बैंक के आर्थिक मानदंडो सीआरएआर (CRAR) की पालना में चूक होने से रिजर्व बैंक लाइसेंस पर भी संकट के बादल मंडरा सकते है।
राज्य सरकार का प्रायोजित बजट निर्णय ब्याज अनुदान
सहकार नेता ने बताया कि ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण योजना के तहत देय 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित बजट निर्णय है, साथ ही, रबी फसली ऋण की देय तिथी दो माह बढ़ाने का भी राज्य सरकार का ही निर्णय है, जबकि तिथि बढ़ाने के संबंध में केंद्रीय सहकारी बैंको से कोई प्रस्ताव एवं सहमति नहीं दी गई है, सरकार के इस तर्कहीन, अनुचित, अव्यवहारिक फरमान से राज्य के सहकारी बैंक आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ-साथ उनकी लाभप्रदता में कमी आएगी ।