सहकारी समितियों को नियत दिनांक तक आयकर रिटर्न दाखिल करना है अनिवार्य

हाइलाइट्स

आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली सहकारी समितियों को मिला अवसर
देरी की माफी के लिए मुख्य आयकर आयुक्त/आयकर महानिदेशक के समक्ष कर सकेंगी आवेदन
वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक के आयकर रिटर्न किये जा सकेंगे दाखिल
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जयपुर, 05 सितम्बर। आयकर रिटर्न दाखिल करने में लापरवाही बरतने वाली सहकारी समितियों को अनिवार्य रूप से रिटर्न दाखिल करने के लिए एक और अवसर प्रदान किया गया है। ये समितियां वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक के सभी मूल्यांकन वर्षों के लिए रिटर्न दाखिल करने में हुई देरी की माफी के लिए मुख्य आयकर आयुक्त/आयकर महानिदेशक के समक्ष आवेदन दाखिल कर सकेंगी।
शासन सचिव, सहकारिता विभाग श्रीमती शुचि त्यागी ने बताया कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 (1) के तहत सहकारी समितियों को नियत दिनांक तक आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर वे अधिनियम की धारा 80 ¼P½ के तहत कटौती का लाभ प्राप्त करने की हकदार नहीं होंगी। साथ ही, समय पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर इन पर आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत ब्याज एवं जुर्माना सहित परिणामी कर आरोपित किये जा सकते हैं।
श्रीमती त्यागी ने बताया कि सहकारी समितियों के वित्तीय वर्ष 2023-24 (मूल्यांकन वर्ष 2024-25) के लेखों की ऑडिट करवाकर आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2024 को समाप्त हो रही है। जबकि वर्ष 2018-19 से 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि पूर्व में ही समाप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि डिफॉल्टर सहकारी समितियों को वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक के आयकर रिटर्न अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने एवं देरी की माफी के लिए आवेदन दाखिल करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। शासन सचिव ने बताया कि सही और त्रुटि रहित रिटर्न दाखिल करने के लिए अधिक जानकारी या सहायता jaipur.dit.ici @incometax .gov.in पर ई-मेल के जरिये प्राप्त की जा सकती है।  
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