सरकार का 6 सहकारी बैंकों पर भरोसा नहीं, तो आमजन कैसे करें – आमेरा

सार

Rajasthan News : वित्त (मार्गोपाय) विभाग का आदेश सहकारिता के गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गया है। क्योकि वित्त विभाग ने राजकीय जमा व निवेश की लागू प्रणाली से प्रदेश के अलवर, भरतपुर, नागौर, जैसलमेर, जालोर, पाली केन्द्रीय सहकारी बैकों को किया किनारे

हाइलाइट्स

सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने वित्त विभाग के आदेश पर की टिप्पणी

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 21 फरवरी | राजस्थान के वित्त (मार्गोपाय) विभाग ने कल एक आदेश जारी कर राजकीय विभागों व स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं और राजकीय कम्पनियों की निधियों को केन्द्रीय सहकारी बैंकों में जमा करने व निवेश के लिए निर्देशित किया है। जिसके पश्चात यह आदेश सहकारिता के गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गया है और छह केन्द्रीय सहकारी बैकों को इस प्रणाली में शामिल नहीं करने पर ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज यूनियन के महासचिव और सहकार नेता सूरजभानसिंह आमेरा ने भी वित्त विभाग के आदेश पर अपनी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा हैं कि सरकार खुद ही अलवर, भरतपुर, नागौर, जैसलमेर, जालोर, पाली सीसीबी को सरकारी जमा निवेश के लिए सक्षम, पात्र व विश्वसनीय नहीं मान रही है तो फिर आमजन व ग्राहक इन बैकों पर भरोसा कैसे करेगें? सहकार नेता का कहना हैं कि आमजन, ग्राहकों में इन केन्द्रीय सहकारी बैंक की आर्थिक विश्वसनीयता के खिलाफ गलत सन्देश दिया जाकर इन बैंकों के बैंकिंग लाइसेंस पर ही प्रश्न खड़ा किया जा रहा है। उन्होने सहकारिता मंत्री, सहकारिता विभाग के शासन सचिव, रजिस्ट्रार सहित अपेक्स बैंक प्रबंध निदेशक से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर वित्त (मार्गोपाय) विभाग द्वारा जारी इस आदेश पर तत्काल संज्ञान लेकर वित्त विभाग से संपर्क कर संशोधित आदेश जारी करवाते हुए 29 सीसीबी के नाम शामिल करवाएं अन्यथा इस आदेश को निरस्त करने की मांग उठाई है। इसके साथ ही, आर्थिक मार्जिनल कमजोर केन्द्रीय सहकारी बैंकों में योग्य, बेदाग, परिणामजनित अधिकारी को एमडी के रूप में पदस्थापित करने की बात सहकार नेता ने दोहराई है।

सीसीबी की भी हो जाएगी हालात पीएलडीबी जैसी

सहकार नेता ने सहकारी बैकों को बचाने के लिए “जागो, उठो, संगठित, जागरुक व अनुशासित रहने का” स्लोगन देते हुए कहा हैं कि भूमि विकास बैंकों के एलटी सेक्टर (LT Sector) के बाद अब सीसीबी, पेक्स, अपेक्स के एसटी सेक्टर (ST Sector) का नंबर है , उनका कहना हैं कि सहकारी संस्थाओं की मजबूती की बदौलत ही सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मियों के रोजगार, सुरक्षा व केडर विस्तार की सुविधा संभव है।

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