सार
Rajasthan : राज्य सरकार बजट वर्ष 2025-26 में सहकारिता सेक्टर को सुदृढ़ बनाने का खाका पेश किया गया है। सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि बड़ी संख्या में नई सहकारी समितियां खुलने से गांव-ढाणी स्तर तक सहकारिता का नेटवर्क मजबूत होगा
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विस्तार
जयपुर, 19 फरवरी। राज्य सरकार का वर्ष 2025-26 का बजट ‘आपणों अग्रणी राजस्थान’ के संकल्प को साकार करने वाला है। समाज के हर वर्ग के कल्याण की मंशा के साथ लाये गए इस बजट में सहकारिता सेक्टर को सुदृढ़ बनाने का खाका भी पेश किया गया है। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, कृषि एवं कृषक कल्याण, सहकारिता, उद्योग, आधारभूत ढांचे, युवा कल्याण और पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों के लिए बजट में महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं, जिनसे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट भाषण में जो घोषणाएं की हैं, वह राजस्थान को विकसित प्रदेश बनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि बजट में सहकारिता सेक्टर को सशक्त बनाने के लिए कई उल्लेखनीय घोषणाएं की गई हैं। किसान सम्मान निधि बढ़ाकर 9,000 रुपये किए जाने एवं गेहूं खरीद पर बोनस की राशि बढ़ाकर 150 रुपए किए जाने से किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा। फसली ऋण का दायरा बढ़ाते हुए आगामी वर्ष में पहली बार 35 लाख से अधिक किसानों को 25,000 करोड़ रुपए का अल्पकालीन ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके ब्याज अनुदान पर 768 करोड़ रुपये व्यय होंगे। राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना का भी दायरा बढ़ाते हुए 2.50 लाख गोपालक परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही, इसके प्रावधानों का भी सरलीकरण होगा।
नवीन 8 जिलों में क्रय-विक्रय सहकारी संघों की स्थापना की महत्वपूर्ण घोषणा
वहीं दीर्घकालीन सहकारी कृषि एवं अकृषि सेक्टर के लिए 400 करोड़ रुपये के ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की घोषणा की गई है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि बजट में आगामी दो वर्ष में शेष रही 2,500 ग्राम पंचायतों में ग्राम सेवा सहकारी समितियां स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसके लिए प्रावधानों में शिथिलन दिया जाएगा। साथ ही, नवीन 8 जिलों में क्रय-विक्रय सहकारी संघों की स्थापना सहित अन्य कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। बड़ी संख्या में नई सहकारी समितियां खुलने से गांव-ढाणी स्तर तक सहकारिता का नेटवर्क मजबूत होगा।