सार
Rajasthan : सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय में तत्कालीन अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) की ओर से “कृषक मित्र योजना, किसान समृद्धि योजना एवं सहकार किसान कल्याण योजना” के तहत ऋण वितरण पैक्स एवं लैम्पस के माध्यम से भी कराए जाने के लिए परक नीति की ड्राफ्ट तैयार करने को लेकर जारी हुआ था आदेश, छह साल बीत जाने के बावजूद भी राजस्थान राज्य सहकारी बैंक तैयार नहीं कर पाया परक नीति का ड्राफ्ट

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 22 मार्च | प्रदेश में अल्पावधि सहकारी साख संरचना के अन्तर्गत अन्तिम छोर पर कार्य कर रही पैक्स एवं लैम्पस की भूमिका के महत्व को रेखांकित करते हुए, समितियों को वित्तीय सुदृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिकोण से राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप केन्द्रीय सहकारी बैंकों (CCB) के स्तर पर संचालित कृषक मित्र योजना (KMY), किसान समृद्धि योजना (KSY) एवं सहकार किसान कल्याण योजना के तहत ऋण वितरण पैक्स एवं लैम्पस के माध्यम से भी कराया जाना प्रस्तावित था । जिसके क्रम में सहकारिता विभाग पंजीयक (RCS) कार्यालय तत्कालीन अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) भोमा राम ने 3 जुलाई 2019 को एक पत्र लिखकर राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) के प्रबंध निदेशक (M.D.) को कृषक मित्र योजना (KMY), किसान समृद्धि योजना (KSY) एवं सहकार किसान कल्याण योजनान्तर्गत ऋण वितरण पैक्स/लैम्पस के माध्यम से कराये जाने की रूपरेखा व प्रक्रिया निर्धारण की कार्यवाही अपेक्स बैंक प्रबंध निदेशक स्तर से सम्पादित करते हुए एक नीति परक ड्राफ्ट तैयार कर सहकारिता विभाग पंजीयक (RCS) कार्यालय को अवगत कराने के लिखा था।

लेकिन आज छह बीत जाने के बावजूद भी राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) एक परक नीति ड्राफ्ट तैयार नहीं कर पाया हैं, जबकि आदेश जारी करने वाले स्वयं भोमाराम तक ने भी अपेक्स बैंक प्रबंध निदेशक पद का दायित्व भी छह माह तक के लिए संभाला था । गौरतलब हैं कि सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय से जारी होते ऐसे कई आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के बजाए शीर्ष सहकारी बैंक से लेकर प्रदेश के कई उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां कार्यालय के साथ जोधपुर खंड की छह केंद्रीय सहकारी बैंक में विभागीय आदेशों को रद्दी की टोकरी में डालने का काम निरंतर किया जा रहा है।