सार
Rajasthan : विधायक मनीष यादव के सवाल पर सहकारिता विभाग ने बताया कि राज्य सरकार के संकल्प पत्र में अगले पांच वर्षो में किसानों को शुन्य प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख करोड़ रुपए का फसली ऋण देने के लक्ष्य
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 2 नवम्बर | प्रदेश में किसानों को राज्य सरकार की ओर से सीजनली ब्याज मुक्त फसली ऋण मुहैया कराया जा रहा हैं, निर्धारित तिथि पर ऋण का चुकारा करने वाले किसानों को शुन्य प्रतिशत ब्याज दर का लाभ मिल रहा हैं, राज्य सरकार की इस योजना का क्रियावन्यन सहकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा हैं, जहां गांव स्तर पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों के जरिए केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को उनकी साख के अनुसार अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाया जाता हैं, आने वाले पांच वर्षो में ब्याज मुक्त योजना के तहत सरकार एक लाख करोड़ का फसली ऋण देने पर विचार कर रही हैं, ऐसा सहकारिता विभाग ने विधानसभा में एक अतांराकित प्रश्न के प्रतिउत्तर में कहा हैं,
दरअसल, विधायक मनीष यादव ने सोलहवी विधानसभा के दूसरे सत्र में 23 जून 2024 को किसानों को ऋण देने की कार्ययोजना से संबंधित प्रश्न अंकित कर सहकारिता विभाग से जवाब मांगा था, जिसके प्रतिउत्तर में विभाग ने कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार के गठन से लेकर 17 जून तक सीसीबी से संबंध सहकारी समितियों द्वारा 15 दिसबंर 2023 से 31 मार्च 2024 यानि रबी सीजन में 16 लाख 21 हजार 134 किसानों को 6744.95 करोड़ तथा 1 अप्रैल 2024 से 17 जून 2024 यानि खरीफ सीजन में 17 लाख 45 हजार 518 किसानों को 6871.16 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया हैं, इन किसानों को जिला स्तरीय तकनीकि समिति द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार कृषक की जोत, उसके द्वारा बोई जाने वाली फसलों एवं केंद्रीय सहकारी बैंक के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाता है। वही, विधायक के मूल सवाल पर विभाग ने लिखित में बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को 23 हजार करोड़ का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं ।
स्वीकृत साख सीमा के अनुरुप नहीं दिया जा रहा ऋण
प्रदेश की बाड़मेर एवं जालोर केद्रीय सहकारी बैंक पिछले छह वर्षो में करीब 4 लाख 41 हजार 691 किसानों में से एक भी किसानों को उसकी साख सीमा के अनुरुप 1.50 लाख का पूरा ऋण नहीं दे पाई हैं, जब भी इसकी चर्चा होती हैं, तो विभाग एवं सीसीबी द्वारा यह कहकर टाल दिया जाता हैं कि केंद्रीय सहकारी बैंक के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाता है।
लक्ष्य में नहीं हुई बढ़ोतरी
प्रदेश में ब्याज मुक्त योजना में केंद्रीय सहकारी बैकों के माध्यम से ग्राम सेवा सहकारी समितियों से वितरित होने वाले फसली सहकारी ऋण को लेकर गत सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 की बजट घोषणा में 23 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, वर्तमान सरकार ने इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की और सरकार ने बजट घोषणा में 23 हजार करोड़ का ही लक्ष्य निर्धारित किया हैं। इसके अलावा ब्याज मुक्त योजना से 5 लाख नए किसानों को जोड़ने की घोषणा हुई, जिससे प्रेरित होकर कई किसानों ने ऋण के लिए आवेदन किया, जब ऋण देने की बारी आई तो किसान सदस्यों को 1.50 लाख की साख सीमा स्वीकृत कर महज 15 हजार ऋण थमा दिया गया, उसमें से भी सहकार जीवन सुरक्षा एवं दुर्घटना बीमा भी अनिवार्य रुप से करवाना पड़ रहा हैं । जिससे लघु एवं सीमांत किसानों को उनकी जमीन में फसल बुवाई के लिए मिलने वाली फसली ऋण राशि से पर्याप्त खाद-बीज भी बाजार भाव में नहीं मिल पा रहें है।