सार
Rajasthan : सहकारिता राज्य मंत्री श्री गौतम कुमार दक ने कहा कि 10 लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। 43 कर्मचारियों, अधिकारियों के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई
विस्तार
जयपुर, 7 फरवरी। राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। सहकारिता राज्य मंत्री श्री गौतम कुमार दक ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतों के लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निस्तारण के लिए गंभीरता से प्रयास करते हुए विभागीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर 31 जनवरी 2025 तक 519 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
उन्होंने बताया कि 6 प्रकरणों में 11 अधिकारियों के विरुद्ध एसीबी को प्रारंभिक अन्वेषण हेतु अनुमति प्रदान की गई है। 10 लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। 43 कर्मचारियों, अधिकारियों के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई तथा 7 अधिकारियों को 17 सीसीए में नोटिस दिया गया है।
सहकारिता राज्य मंत्री शुक्रवार को प्रश्नकाल में इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जिन क्रय-विक्रय समितियों में गबन अथवा घोटालों की शिकायत मिली है। वहां कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। उन्होंने कहा कि विभाग शिकायतों पर गंभीरता से कार्य कर रहा है, शिकायतों के लिए राज्य स्तर पर एक टीम गठित कर उनकी जांच करवाई जा रही है। श्री दक ने कहा कि विभाग के संज्ञान में जो भी गंभीर प्रकरण आए उनके दोषी अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति दी गई।
वर्तमान में 273 प्रकरण लंबित
सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि जनवरी 2024 में विभाग में शिकायतों, अनियमितताओं और अन्य गंभीर प्रकरणों से संबंधित लगभग 792 प्रकरण विचाराधीन थे। जिनमें धारा 55 के 242, धारा 57(1) 318 व धारा 57(2) के 232 प्रकरण शामिल थे। वर्तमान में 273 प्रकरण लंबित हैं।
कार्यवाही का विवरण सदन के पटल पर रखा
इससे पहले विधायक श्री कालीचरण सराफ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में राज्य की क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में हुए निर्णित/कथित गबन व अनियमितता के प्रकरणों का विवरण सदन की मेज पर रखा। साथ ही, उन्होंने घोटालों में दोषी पाए गए अधिकारियों/कार्मिकों/फ़र्म के विरुद्ध विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।