स्क्रीनिंग प्रक्रिया में पैक्स-लैम्पस कर्मियों की आयु सीमा में शिथिलता की मांग


जयपुर I डिजिटल डेस्क । 22 सितम्बर I प्रदेश में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Village Service Co-operative Societies) में कार्यरत व्यवस्थापक, सहायक व्यवस्थापकों का स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितिकरण करने के आदेश तो पंजीयक सहकारिता विभाग (Registrar Cooperative Department) ने जारी कर दिए है। लेकिन स्क्रीनिंग प्रक्रिया में आयु सीमा की बाध्यता अब इन कार्मिकों के लिए ही परेशानी बन गई है। जिसके चलते हजारों पैक्स-लैम्पस में कार्यरत कार्मिकों नियमितिकरण की प्रक्रिया से वंचित हो रहे हैं। ऐसे में अब इन कार्मिकों ने राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ (Rajasthan Cooperative Employees Union) के माध्यम से 23 अगस्त को सहकारिता मंत्री को पत्र लिखकर स्क्रीनिंग प्रक्रिया के तहत आयु सीमा में शिथिलता देने की मांग की है।
गौरतलब हैं कि प्रदेश की पैक्स-लैम्पस में 10 जुलाई, 2017 से पूर्व नियुक्त व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक की स्क्रीनिंग कर उनका नियमितिकरण किए जाने के लिए राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ पिछले वर्षा से लगातार संघर्ष के चलते सरकार ने इनकी सुन ली और सहकारिता विभाग के पंजीयक मुक्तानंद अग्रवाल ने स्क्रीनिंग के आदेश भी जारी कर व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक की स्क्रीनिंग के जरिए नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए ।

यह आ रही समस्या

स्क्रीनिंग के आदेश तो विभाग ने जारी कर दिए लेकिन स्क्रीनिंग के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 33 वर्ष कर दी गई। जिससे 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर नियुक्त हुए प्रदेश के हजारों कार्मिक नियमितिकरण प्रक्रिया से वंचित हो रहे हैं। गौरतलब है कि राजस्थान सेवा नियम आरएसआर में इस प्रक्रिया में आयु सीमा 18 वर्ष से 40 वर्ष है लेकिन सहकारिता विभाग ने कार्मिकों की आयु सीमा21 से 33 साल कर दी जिसका नुकसान अब कार्मिकों को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में गत अगस्त माह में राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नंदलाल वैष्णव के नेतृत्व में वरिष्ठ उपाध्यक्ष महादेवसिंह ऐचरा, प्रदेश महामंत्री नंदाराम चौधरी ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को पत्र लिखकर स्क्रीनिंग द्वारा नियमितिकरण प्रक्रिया में आयु सीमा 18 वर्ष से 40 वर्ष किए जाने की मांग की है।

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