सहकारिता विभाग ने राजधानी के ईद-गिर्द ही गोदाम निर्माण में दिखाई रुचि

सार

Rajasthan : पिछले पांच सालों में जयपुर जिले में सर्वाधिक 93 एवं भीलवाड़ा में 75 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में विभाग ने स्वीकृत किए 100 मैट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम, वही पांच सालों में किसी जिले में 3 तो किसी जिले में 6 गोदाम ही हुए स्वीकृत

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विस्तार

जयपुर । डिजिटल डेस्क । 26 दिसम्बर । प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों की भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए गोदाम निर्माण करवाया जाता हैं, यह गोदाम राज्य सरकार की बजट घोषणा एवं केंद्र सरकार की सहायता प्राप्त राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय की ओर से स्वीकृत किए जाते हैं, इसके लिए विभाग की ओर से प्रत्येक समिति को शत-प्रतिशत (12 लाख रुपए) राशि 100 मैट्रिक टन गोदाम निर्माण के लिए दी जाती है। अब अगर प्रदेश में पिछले पांच सालों में स्वीकृत गोदामों के आंकड़ो पर नजर डाले, तो यह पता लग रहा हैं कि सहकारिता विभाग ने अपनी राजधानी जयपुर को ही गोदाम निर्माण के लिए सबसे उत्तम माना हैं, विभाग की ओर से पिछले पांच सालों में ग्राम सेवा सहकारी समितियों की भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए बजट घोषणा एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 100 मैट्रिक टन गोदाम निर्माण के लिए जयपुर जिले को ही सर्वाधिक तवज्जो दी गई है। जबकि प्रदेश में भरतपुर एवं धौलपुर ऐसे जिले हैं जहां पिछले पांच वर्षो में सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय ने पांच गोदाम तक स्वीकृत नहीं किए हैं । इन जिलों में मात्र 3-3 गोदाम ही स्वीकृत हुए हैं ।

वही राजधानी से दूर जैसलमेर जिले के बारे में ऐसा कहा जाता हैं कि यहां ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण की पत्रावली सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय तक पहुंच ही नहीं पाई, इस जिले में बहने वाली आंधी पत्रवालियों को शायद कई और ही उड़ाकर ले गई, क्योकि सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय में सत्ता संरक्षण से जमे पैरवीदारों की सख्त पकड़ के चलते अपने गृह जिले जैसलमेर से आने वाले तत्कालीन रजिस्ट्रार तक इस जिले में गोदाम स्वीकृत करवाने में विफल रहें है। इस जिले में पैरवीदारों की ना-मुकर के बावजूद पिछले पांच सालों में जैसे-तैसे 6 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम स्वीकृत हो गए, जो आज भी इन पैरवीदारों के मन को कचोट रहें है।

भीलवाड़ा में 75, तो सिरोही में सिर्फ 7

सहकारिता विभाग ने पिछले पांच सालों में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण के लिए सर्वाधिक जयपुर जिले में 95, भीलवाड़ा जिले में 75, बांसवाड़ा में जिले 58, जालोर जिले में 56, प्रतापगढ़ जिले में 50 गोदाम स्वीकृत किए है। इसी प्रकार उदयपुर जिले में 47, जोधपुर जिले में 41, कोटा जिले में 39, नागौर एवं अलवर जिले में 38, श्रीगंगानगर जिले में 36, हनुमानगढ़, बाड़मेर, सवाई माधोपुर जिले में 31, के अलावा करौली जिले में 29, चित्तौड़गढ जिले में 28, बीकानेर जिले में 27, पाली जिले में 25, अजमेर जिले में 24, बूंदी जिले में 22, चुरु, डूंगरपुर जिले में 23 तथा दौसा जिले में 19, झालावाड़ जिले में 18, सीकर, टोंक जिले में 17, बांरा, राजसमंद जिले में 14, झुझुनूं जिले में 13 एवं सिरोही जिले में 7 ग्राम सेवा सहकारी समिति में गोदाम स्वीकृत हुए है।

भौतिक सत्यापन की उठ रही मांग

प्रदेश में पिछले पांच सालों में 996 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम स्वीकृत होकर निर्मित हो गए है। अब इन गोदामों के निर्माण से लेकर अपनाएं गए मापदण्ड एवं निर्माण सामग्री क्रय करने के मामले में भौतिक सत्यापन की मांग समय-समय पर उठ रही है। वही कई जिलों में गोदाम निर्माण कार्य में सहकारिता विभाग की प्रॉपर गाइडलाइन की पालना किए बिना ही मनमर्जी से गोदाम निर्माण करवाने की कार्यवाही का भौतिक सत्यापन करने की मांग जिला स्तरों पर कई बार उठी है।

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