सार
Jaipur : सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल ने सहकारिता अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम-2001 की धारा 55, 57 (1) एवं 57 (2) के तहत लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निपटारा करने के दिए निर्देश, उन्होने कहा कि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद लापरवाही बरत रहे अधिकारियों के विरूद्ध की जाएगी कार्यवाही

विस्तार
जयपुर, 13 जून। राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम-2001 की धारा 55 एवं 57 के तहत लम्बित प्रकरणों की जांच निर्धारित समय अवधि में पूरी कर जांच परिणाम जारी करने के निर्देश सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने अधिकारियों को देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने लम्बित पुराने प्रकरणों के निस्तारण में देरी कर रहे अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। श्रीमती राजपाल शुक्रवार को नेहरू सहकार भवन में वीसी के माध्यम से राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम-2001 की धारा 55, 57 (1) एवं 57 (2) के तहत लम्बित प्रकरणों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने पुराने प्रकरणों के निस्तारण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर प्रकरणों का शीघ्र निपटारा करें। स्पष्ट निर्देशों के बावजूद लापरवाही बरत रहे अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल बार-बार नोटिस देकर प्रकरण को लम्बित नहीं रखा जाए। साथ ही, जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट तत्काल सबमिट की जाए।

869 प्रकरणों का किया गया निस्तारण
बैठक में एक वर्ष से कम, एक से तीन वर्ष, तीन से पांच वर्ष एवं पांच वर्ष से अधिक समय से लम्बित प्रकरणों की खण्डवार समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बैठक में अवगत कराया कि वर्ष 2024-25 में कुल 869 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें धारा 55 के 249, धारा 57 (1) के 342 एवं धारा 57 (2) के 278 प्रकरण शामिल हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2025-26 में 31 मई तक 94 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है, जिनमें धारा 55 के 20, धारा 57 (1) के 42 एवं धारा 57 (2) के 32 प्रकरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर, बीकानेर, जोधपुर एवं भरतपुर खण्ड में प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति अच्छी रही है।