सार
Rajasthan News : प्रदेश में कृषि विभाग की केंद्र प्रवर्तित योजना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना के तहत 39 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में स्थापित होंगे कस्टम हायरिंग केंद्र
विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 4 अक्टूबर | प्रदेश में लघु एवं सीमांत कृषकों को उन्नत कृषि यंत्रों की सेवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से 12 जिलों की 39 ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) में कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित होंगे, इसके लिए सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय द्वारा बजट घोषणा 2024-25 एवं कृषि विभाग की केंद्र प्रवर्तित योजना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना के क्रम प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई हैं, जिसके मुताबिक, श्रीगंगानगर में सोलह, कोटपुतली में चार, करौली में तीन एवं जालोर, जयपुर, भीलवाड़ा, नीमकाथाना, बीकानेर, पाली, प्रतापगढ़ में दो-दो, चुरु व बांरा में एक-एक ग्राम सेवा सहकारी समिति में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जाएगी । वही, जालोर जिले की थलवाड़, जीवाना एवं पाली जिले की रेपडावास, लापोद ग्राम सेवा सहकारी समिति में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्वीकृति जारी हुई है। गौरतलब हैं कि कृषि विभाग की केंद्र प्रवर्तित योजना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना के तहत प्रदेशभर में 500 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जाने है।
दो किश्तो में होगा भुगतान
सहकारिता विभाग पंजीयक कार्यालय के मुताबिक, प्रथम किश्त के तौर पर सात लाख रुपए एस.एन.ए. खाते संचालन पोर्टल के माध्यम से संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक को हस्तांतरित की जाएगी, वही, दो लाख रुपए संबंधित समिति स्तर से वहन कर कृषि यंत्र क्रय करने होगे, जिसके पश्चात कमेटी द्वारा भौतिक सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत शेष राशि एक लाख रुपए का भुगतान संचालन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, साथ ही, यह निर्देश भी दिया गया हैं कि राशि जिस प्रयोजन के लिए स्वीकृत की गई है, उस प्रयोजनार्थ ही राशि का वहन किया जाएं ।
प्रस्ताव पारित कर निर्णय
सहकारिता विभाग की ओर से यह निर्देश दिए गए हैं कि क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार कस्टम हायरिंग केन्द्र के लिए समिति किन कृषि यंत्रों की खरीद करना चाहती है, उसका प्रत्येक चयनित समिति संचालक मण्डल या प्रशासक द्वारा प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया जाएगा, साथ ही, समिति के निर्णयनुसार कृषि यंत्र क्रय कर सूचना प्रबंध निदेशक, केन्द्रीय सहकारी बैंक को भिजवानी होगी । जिसमें, चयनित कृषि यंत्र, मेक एवं स्पेसिफिकेशन, कृषि यंत्र की दर, क्रय करने की दिनांक के अलावा जी.पी.एस (टेलिमेटिक्स) स्थापित की सूचना भी निर्धारित प्रारुप में भिजवानी पड़ेगी ।
शेड नहीं बना तो स्वतः निरस्त
सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना के तहत चयनित ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अपने खर्चे से कृषि यंत्रों का उचित रखरखाव एवं सुरक्षा के लिए तत्काल शेड बनाना होगा, विभाग के अनुसार, शेड बनाने का स्थान उपलब्ध नही होने तथा वित्तीय सक्षमता नही होने की स्थिति में समिति में कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्वीकृति स्वतः ही निरस्त समझी जाएगी ।