सार
Rajasthan assembly : नवगठित सहकारी समिति के पहले संचालक मंडल का कार्यकाल तीन माह का ही निर्धारित

विस्तार
जयपुर । डिजिटल डेस्क | 18 दिसम्बर | प्रदेश के बीकानेर जिले में वर्ष 2019 से 2024 के बीच 50 नवगठित बहउद्देशीय ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) में राजकीय हिस्सा नहीं होने के कारण प्रशासक नियुक्त नहीं किया जा सकता हैं । इसके चलते इन समितियों में राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत मनोनीत अस्थाई संचालक मण्डल अब तक कार्यरत है । ऐसा सहकारिता विभाग द्वारा विधानसभा में लिखित जवाब दिया गया है । दरअसल, कोलायत विधायक अंशुमानसिंह भाटी ने बीकानेर जिले में वर्ष 2019 से लेकर 2024 तक नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों में मनोनित अस्थाई संचालक मण्डल को लेकर विधानसभा के चतुर्थ सत्र में तारांकित प्रश्न किया । इसका जवाब सहकारिता विभाग द्वारा हाल ही में प्रस्तुत किया गया है । जिसके मुताबिक, बीकानेर जिले में नवगठित इन 50 पैक्स में आज भी अस्थाई संचालक मण्डल कार्यरत है । जबकि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 27(1) के प्रावधानानुसार किसी भी नवगठित सहकारी समिति के प्रथम संचालक मण्डल का कार्यकाल तीन माह निर्धारित है। इस कारण इन 50 समितियों में इन प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है । इसके चलते अब उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बीकानेर द्वारा राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 28(11) (1) के तहत अध्यक्षों को निर्योग्य किये जाने सबंधी नोटिस 12 अक्टूबर 20225 को जारी कर, कार्यवाही प्रारम्भ की गई है ।
राजकीय हिस्सा नहीं होने से प्रशासक नियुक्ति संभव नहीं
कोलायत विधायक ने इन 50 समितियों में प्रशासक नियुक्ति के लिए भी सवाल अंकित करवाया । तो सहकारिता विभाग ने अपना लिखित प्रतिउत्तर पेश कर, सदन के जरिए बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी नियम 2003 के नियम 45 (5) के तहत राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण को इन 50 समितियों की निर्वाचन अभ्यर्थना प्राप्त होने पर ही निर्वाचन करवाया जा सकता है । हालांकि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 30(1) के प्रावधान के मुताबिक इन 50 समितियों में राजकीय हिस्सा राशि नहीं होने के कारण अधिनियम अंतर्गत प्रशासक नियुक्त किया जाना भी संभव नहीं है ।


