सार
Barmer : ग्राम सेवा सहकारी समितियों से जुड़े ऐसे सदस्य जिन्हें व्यवस्थापक द्वारा ऋण वितरण नहीं किया जा रहा है, उन्हें सीसीबी की संबंधित शाखा में मिलेगी स्वीकृति ऋण राशि, सीसीबी प्रबंध निदेशक ने जारी किए समस्त शाखा प्रबंधकों को निर्देश

विस्तार
बाड़मेर । डिजिटल डेस्क | 19 जून | जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Pacs) के स्तर से स्वीकृत ऋण राशि अब किसान केंद्रीय सहकारी बैंक (CCB) की शाखा पर से प्राप्त कर सकेंगे । इसके लिए सीसीबी प्रबंध निदेशक (M.D) वासुदेव पालीवाल द्वारा समस्त शाखा प्रबंधकों को एक पत्र जारी किया गया हैं, जिसके अनुसार अल्पकालीन फसली ऋण व्यवस्था (St Loan) ऑनलाइन किये जाने के लिए सहकारी फसली ऋण पोर्टल पर पंजीयन एवं आधार आधारित अभिप्रमाणन के पश्चात डीएमआर के माध्यम से फसली ऋण वितरण के लिए राजस्थान राज्य सहकारी बैंक द्वारा ‘सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना 2019’ जारी की गई । जिसकी शर्त 11(5) के मुताबिक सदस्य स्वीकृत ऋण राशि रुपे किसान डेबिट कार्ड के माध्यम से एटीएम से अथवा समिति में एफआईजी के माध्यम से तथा बैंक की संबंधित शाखा से नकद आहरित कर सकेगा, के क्रम में सीसीबी शाखा में उपस्थित होने वाले किसानों को नियमानुसार ऋण राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं । साथ ही, पत्र में बताया गया हैं कि व्यवस्थापकों द्वारा कभी-कभार कुछ सदस्यों को समय पर ऋण वितरण नहीं किया जाता हैं ।
हालांकि पूर्व में सीसीबी अधिशासी अधिकारी (EO) द्वारा सहकारी समितियां मुख्यालय समय पर खोलने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन बाड़मेर सीसीबी कार्यक्षेत्र की कल्याणपुर, समदड़ी, बायतु तथा चौहटन शाखा की अधिकत्तर सहकारी समितियों में लगे व्यवस्थापकों द्वारा मनमाफिक स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर समितियों का संचालन किया जा रहा हैं । जिससे किसानों को खासी परेशानी हो रही हैं, अब सहकारी साख आंदोलन से जुड़े सूत्रों ने शाखा स्तर पर किसानों को सुविधा मिलने वाले इस आदेश की मुक्त कंठ से प्रशंसा की हैं ।
जोधपुर सीसीबी में भी इस तरह के आदेश जारी करने की उठी मांग
बाड़मेर सीसीबी शाखा स्तर पर ऋण राशि प्राप्त के संबंध में आदेश जारी होने के पश्चात जोधपुर सीसीबी में भी ऐसे आदेश जारी करवाने की मांग जोर पकड़ने लगी हैं, सूत्रों की ओर से बताया जा रहा हैं कि जोधपुर जिले की तिंवरी, बावड़ी और देचू शाखा अंतर्गत संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों को छोड़कर अन्य समस्त शाखा अंतर्गत संचालित अधिकांश समितियां कार्यालय समय में बंद ही रहती हैं । जिससे सीजनली ऋण प्राप्त करने में किसानों को समिति व्यवस्थापक के पीछे भागदौड़ करनी पड़ती हैं ।