सार
Barmer : सहकारिता विभाग का ध्येय वाक्य “एक सब के लिए और सब एक के लिए”, लेकिन बाड़मेर केंद्रीय सहकारी बैंक की रामसर शाखा कार्यक्षेत्र में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों का ‘‘सभी पास में रहो’’ का नारा !

विस्तार
बाड़मेर। डिजिटल डेस्क | 22 जुलाई | प्रदेश के सहकारिता विभाग का ध्येय वाक्य “एक सब के लिए और सब एक के लिए” हैं, जिसे बाड़मेर केंद्रीय सहकारी बैंक की रामसर शाखा कार्यक्षेत्र में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों ने खूब अच्छी तरह से समझकर सहकारिता का नया नमूना पेश किया हैं । क्योकि इन्होंने रामसर बाजार में एक ही जगह करीब-करीब समस्त ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कार्यालय खोल रखे हैं । जबकि इनमें से अधिकतर ग्राम सेवा सहकारी समितियों में सरकार ने कई 12 लाख तो कई 10 लाख की लागात से गोदाम और कार्यालय भवन बनाकर खड़े किए हैं । परंतु इस शाखा में “सभी व्यवस्थापक पास में रहों” का नारा ही चल रहा है। ऐसे में व्यवस्थापक सारे कागजात के साथ एक लेपटॉप थैले में ही बंद रखकर सोसायटी का संचालन कर रहें हैं । जानकारी के अनुसार इस शाखा अंतर्गत करीब-करीब सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम बने कई साल बीत चुके हैं। इसके बावजूद समितियों में निर्वाचित प्रबंधन कमेटी द्वारा किसानों को समय पर ऋण के अलावा अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने की बात तो दूर सोसायटी व्यवस्थापक को समिति कार्यालय खोलने के लिए पाबंद नहीं कर पाई हैं । ऐसे में समिति के जरूरी कागजात व्यवस्थापक के कंधे पर लटकते थैले में ही नजर आते हैं। यहां व्यवस्थापकों की मनमर्जी के अनुसार ही काम चल रहा है।
फोन बंद हुआ तो समिति को ताला
इस शाखा की खारा एवं भिंडे का पार ग्राम सेवा सहकारी समिति को छोड़कर सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों का सहकर्मी स्थान या लचीला कार्यालय रामसर बाजार में बना हुआ हैं । यहां कार्यालय का संचालन व्यवस्थापक अपनी मनमर्जी से कर रहें हैं । वे जहां भी फोन शुरू करते हैं, समिति का काम काज वहीं शुरू हो जाता और फोन बंद हो जाए तो मानो कार्यालय को ताला लग गया है। ऐसे में ग्रामीणों को हर समय व्यवस्थापक के इशारों पर ही कामकाज निपटाने पड़ते हैं।
जिसको मिलना है वो पहले फोन करे
सरकार ने लाखों खर्च कर किसानों के लिए भले ही ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम और कार्यालय भवन बनाया हो, लेकिन इस शाखा के व्यवस्थापक की बदौलत किसानों का कोई हित होता नहीं दिख रहा है। किसानों को समिति से ऋण लेना है तो पहले व्यवस्थापक से फोन पर सम्पर्क करना पड़ता है। इसके बाद ही ऋण की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
इनका कहना…
क्षेत्र के किसानों का कहना हैं कि रामसर शाखा की खारा सहकारी समिति को छोड़कर किसी भी सहकारी समिति का कोई कार्यालय खुला नहीं रहता हैं । व्यवस्थापक खुद ही अपने पास रिकार्ड रखते हैं। रिकॉर्ड व व्यवस्थापक का कोई अता पता नहीं रहता है।
फैक्ट फाइल
- रामसर शाखा में संचालित —– 28 सहकारी समितियां
- इस शाखा में पंजीकृत किसान सदस्य —- 17442
- ऋण लेने वाले किसान सदस्य —- 15237
- फसली सहकारी ऋण वितरित —- 48 करोड़
नोट : इस क्षेत्र की सहकारी समितियों द्वारा साल में केवल एक बारिय खरीफ सीजन का ही ऋण वितरित होता हैं ।