समर्थन मूल्य पर आधार आधारित बायोमीट्रिक पहचान के माध्यम से होगी खरीद — सहकारिता मंत्री

सार 

Rajasthan : समर्थन मूल्य पर मूंग, मूंगफली, सोयाबीन और उड़द की ख़रीद 24 नवंबर से — अब तक 3.12 लाख से अधिक किसानों ने करवाया पंजीयन —बीकानेर और चूरू जिले में मिले फर्जी पंजीयन के मामलों में की जा रही कार्रवाई, आधार आधारित बायोमीट्रिक पहचान के माध्यम से होगी खरीद — सहकारिता मंत्री

विस्तार 

जयपुर, 19 नवम्बर। राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग, मूंगफली, सोयाबीन और उड़द की ख़रीद 24 नवंबर से शुरू होगी। इसके लिए अब तक 3.12 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। इस खरीद के लिए मंगलवार को ही केन्द्र सरकार से स्वीकृति मिली है। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक ने बताया कि केन्द्र सरकार  से प्राप्त लक्ष्य के अनुसार 3 लाख 5 हजार 750 मीट्रिक टन मूंग, 1 लाख 68 हजार मीट्रिक टन उड़द , 5 लाख 54 हजार 750 मीट्रिक टन मूंगफली और 2 लाख 65 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन ख़रीदी जाएगी।
श्री दक ने बताया कि मूंग की 340, मूंगफली की 302, सोयाबीन की 79 और उड़द की 151 केंद्रों पर ख़रीद की जाएगी। अब तक मूंग बेचान के लिए 97 हजार 392, मूंगफली के लिए 1 लाख 87 हजार 580 सोयाबीन के लिए 26 हजार 143 एवं उड़द के लिए 1 हजार 681 किसानों ने पंजीयन करवाया है। इस प्रकार अब तक कुल 3 लाख 12 हजार 796 किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचान के लिए पंजीयन करवा चुके हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा मूंग का समर्थन मूल्य 8,768 रुपये, मूंगफली का 7,263 रुपये, उड़द का 7,800 रुपये एवं सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5,328 रुपये प्रति क्विंटल (एफ.ए.क्यू. श्रेणी ) घोषित किया गया है। सहकारिता मंत्री ने राजफेड को निर्देश दिए हैं कि खरीद केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समयबद्ध रूप से सुनिश्चित कर ली जाए।

बीकानेर में 5,954 और चूरू में 9,819 फर्जी पंजीयन के मामले

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक
सहकारिता मंत्री ने बताया कि बीकानेर और चूरू जिलों में फर्जी गिरदावरी और फर्जी पंजीयन की शिकायतें प्राप्त होने पर सम्बंधित कलक्टरों से जांच करवाई गई। जांच में बीकानेर ज़िले में 5,954 और चूरू ज़िले में 9,819 फर्जी गिरदावरी एवं फर्जी पंजीयन के मामले पाए गए, जिनके पंजीयन टोकन राजफेड द्वारा निरस्त किये जाकर ख़रीद सीमा तक नये पंजीयन किए जाएंगे।  श्री दक ने बताया कि इस बार समर्थन मूल्य पर ख़रीद किसानों की आधार आधारित बायोमीट्रिक पहचान के माध्यम से ही की जाएगी। ओटीपी  के माध्यम से ख़रीद की सुविधा इस बार उपलब्ध नहीं होगी। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार नैफेड और एनसीसीएफ के लिए समर्थन मूल्य पर ख़रीद 90 दिवस की अवधि में की जाएगी।
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