राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की मंथन बैठक 30 जून 2025 को निर्धारित 

सार 

New Delhi : मंथन बैठक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका को रेखांकित करते हुए राज्य स्तरीय सहकारी समितियों को जीवंत आर्थिक इकाइयों में बदलने की दिशा में केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संघवाद की भावना के साथ करीबी समन्वय को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक की निभाएगा भूमिका 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह (File Photo)

विस्तार 

नई दिल्ली | 29 जून | डिजिटल डेस्क | भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा 30 जून 2025 को भारत मंडपमनई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की एक मंथन बैठक आयोजित की जा रही है। यह मंथन बैठक माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित होगी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों एवं सहकारिता विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव भाग लेंगे। यह मंच सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रगति की समीक्षा, विचारों के आदान-प्रदान और भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने का अवसर प्रदान करेगा। इस मंथन बैठक का मुख्य उद्देश्य सहकारिता मंत्रालय की अब तक की पहलों और योजनाओं की समग्र समीक्षा करना, अब तक हुई प्रगति का मूल्यांकन करना, और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुभवों, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं और रचनात्मक सुझावों का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है।

मंथन बैठक में 2 लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी, जो ग्रामीण सेवा वितरण को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए अहम है। मंथन बैठक में सहकारी क्षेत्र में ‘विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को सशक्त बनाना है। इसके साथ ही, ‘सहकारिता में सहकार’ अभियान और ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के अंतर्गत राज्यों की प्रगति और सहभागिता पर चर्चा होगी।

तीन नई बहु-राज्यीय राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात  लिमिटेड (NCEL), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL), और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) में राज्यों की भागीदारी की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, श्वेत क्रांति 2.0 और भारत के डेयरी क्षेत्र में सर्कुलरिटी एवं सस्टेनेबिलिटी की अवधारणाओं को अपनाने तथा आत्मनिर्भरता अभियान के अंतर्गत दलहन व मक्का उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर चर्चा होगी। PACS कंप्यूटरीकरण और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (RCS) के कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण जैसे डिजिटल परिवर्तन संबंधी पहलों की भी समीक्षा की जाएगी, विशेष रूप से राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस और इसकी नीति-निर्माण में उपयोगिता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर होगी चर्चा

इस मंथन बैठक में सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर चर्चा होगी, विशेषकर त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना के संदर्भ में। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय मजबूती के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा होगी, जैसे सहकारी बैंकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान, राज्य सहकारी बैंकों (StCBs) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) के लिए साझा सेवा इकाई (SSE) की स्थापना और शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए अंब्रेला संगठन का संचालन।

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