एफआईजी के प्रति शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक का गैर जिम्मेदाराना रवैया

सार 

Jaipur : राजस्थान राज्य सहकारी बैंक की वीसी के दौरान हुई एफआईजी नहीं चलने पर चर्चा, सीसीबी प्रबंध निदेशकों द्वारा समस्या बताने पर शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक ने कहा, आप सिर्फ लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति करों

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विस्तार 

जयपुर । डिजिटल डेस्क | 18 जून | प्रदेश के राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (RSCB) प्रबंध निदेशक संजय पाठक द्वारा कल समस्त केंद्रीय सहकारी बैंक (CCB) प्रबंध निदेशकों की वीसी ली गई, जिसमें केसीसी (KCC) जीसीसी (GCC) यानि गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना, बीसी माइक्रो एटीएम (BC Micro ATM)  पीडीसीएएस (PDCas) और रुपे कार्ड की प्रगति पर चर्चा हुई । साथ ही अल्पकालीन फसली ऋण (ST Loan) के लिए अपेक्स बैंक की ओर से खरीफ सीजन के आंवटित लक्ष्यों की पूर्ति कम होने के कारण प्रबंध निदेशक पाठक द्वारा समस्त सीसीबी प्रबंध निदेशकों से पूछे गए, तो उनकी ओर से फाइनेंशियल इन्क्लूजन गेटवे यानि एफआईजी नहीं चलने की वास्तविक स्थिति के बारे में प्रबंध निदेशको को बताने पर, उल्टा शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक कारण बताने वालो पर ही भड़क गए और कहा, “नहीं चलने और एफआईजी की ढर्रे की पट्टी आप मुझे नहीं पढाओ, आप सिर्फ यह बताओं की लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति क्यों नहीं हो रही, इन लक्ष्यों की शीघ्र ही शत-प्रतिशत पूर्ति करों” इससे लगता हैं कि शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक एफआईजी की समस्या तक सुनने के लिए तैयार नहीं हैं । जब सहकारी तंत्र से जुड़े अधिकारी इस समस्या को बताने के प्रयास कर रहें हैं, तो उनकी भी सुनने वाला कोई नहीं हैं । अब सवाल यह हैं क्या इसे शीर्ष सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक का गैर जिम्मेदाराना और गैर जवाबदेही रवैया नहीं माना जा सकता ? क्या सहकारिता मंत्री की अधिकारी पिक एंड चॉइस की नीति से किसानों को होने वाली परेशानी का नहीं हो सकता समाधान ? आखिर क्यों नहीं हो सकता एफआईजी पोर्टल का नवीनीकरण ? पोर्टल के अत्यधिक भार को कम करने के लिए क्यो नहीं लेनी चाहिए राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी एंड सी) से सहायता ? ऐसे ही सवालों की गठरियाँ बनी हुई हैं ।

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