सार
Rajasthan : राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य खंडपीठ जोधपुर में न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ ने सहकारी समिति व्यवस्थापक के वेतन प्रस्ताव अपखंडन के मामले सरकार को कारण बताओ नोटिस के साथ स्टे नोटिस जारी कर छह सप्ताह में मांगा जवाब

विस्तार
जोधपुर । डिजिटल डेस्क | 12 फरवरी | राजस्थान उच्च न्यायालय (High Court) ने सहकारी समिति व्यवस्थापक के वेतन प्रस्ताव अपखंडन के मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा हैं, न्यायाधीश (justice) दिनेश मेहता की एकलपीठ ने यह आदेश जीवनराम, धन्नाराम, छोटूदास (Lrs. Of Shri Chhotu Das) की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए है । दायर याचिका में अधिवक्ता अशोक कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ग्राम सेवा सहकारी समितियों में व्यवस्थापक थे और उनको सोसायटी संचालक बोर्ड ने वर्ष 2011-12 में छठे वेतनमान का लाभ प्रदान किया, लेकिन उस प्रस्ताव के क्रियान्वयन पर उप रजिस्ट्रार चूरू ने रोक लगा कर प्रस्ताव अपखण्डन के लिए राजस्थान राज्य सहकारी अधिकरण को भेजने के पश्चात अधिकरण ने प्रस्तावों का अपखंडन कर दिया है । इस संबंध में अधिवक्ता चौधरी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उक्त प्रस्ताव के समान अन्य समितियों के प्रस्ताव को अधिकरण ने पुष्ट किया है, लेकिन वर्तमान याचिककर्ता के मामले में पहले के अधिकरण आदेश को दरकिनार कर प्रस्ताव को गलत ढंग से अपखंडित किया गया है और पूर्व में राजस्थान सहकारी अधिनियम धारा 30-ठ में प्रबंधकारिणी के पास कर्मचारी को वेतन देने की शक्ति थी, उस पर रजिस्ट्रार द्वारा जारी परिपत्र लागू नहीं होते है।