सार
Jodhpur : प्रदेश के अनेक जिलों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री एवं इंतकाल दर्ज करने से पूर्व ग्राम सेवा सहकारी समितियों से बकाया नहीं का प्रमाण पत्र लेने के संबंध में जिला कलेक्टरों की ओर से जारी आदेश, लेकिन जोधपुर एवं पाली जिलों में आदेश के अभाव में नहीं हो पा रही ग्राम सेवा सहकारी समितियों के बकाया ऋणों की वसूली
विस्तार
जोधपुर । डिजिटल डेस्क | 3 जनवरी | जोधपुर एवं पाली जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सामने अल्पकालीन फसली ऋण की वसूली को लेकर एक ओर समस्या खड़ी हो गई है। जहां यह ग्राम सेवा सहकारी समितियां कृषि भूमि का रहन किए बिना ही किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण एवं पशुपालन के लिए कार्यशील पूंजी ऋण उपलब्ध करवा रही है। लेकिन इन समितियों के कार्यक्षेत्र से ऋण प्राप्त करने वाले किसानों द्वारा किसी स्थिती में कृषि भूमि का बेचान कर दिया जाता है। वही ऋणी की मृत्यु होने पर कृषि भूमि की रजिस्ट्री एवं इंतकाल दर्ज करवाया जा रहा हैं । जिससे ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा वितरित ऋण की वसूली नहीं हो पाती है। अब जब कई जिलों में सीसीबी प्रबंध निदेशक की ओर से जिला कलेक्टरों के संज्ञान में लाने पर संबंधित जिलों कलेक्टरों ने कृषि भूमि की रजिस्ट्री एवं इंतकाल दर्ज करने से पूर्व बकाया नहीं लेने के बाद आगामी कार्यवाही करने का आदेश जारी किए है।
लेकिन जोधपुर एवं पाली जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों से ऋण बकाया होने के बावजूद कृषि भूमि का खरीद-बेचान और इंतकाल धड़ाधड़ तरीके से हो रहा है। वही ग्राम सेवा सहकारी समितियों से किसी प्रकार का बकाया नहीं का प्रमाण पत्र जारी नहीं करवाया जाता है। जबकि जालोर, सिरोही एवं बाड़मेर सहित प्रदेश के अनेक जिलों के जिला कलेक्टरों ने कृषि भूमि की रजिस्ट्री एवं इंतकाल दर्ज करने से पूर्व ग्राम सेवा सहकारी समितियों से बकाया नहीं प्रमाण लेने के बाद आगामी कार्यवाही करने के निर्देश भी जारी किए हुए हैं, जो ग्राम सेवा सहकारी समितियों की बकाया ऋण वसूली में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
18 साल पहले भी हो चुकी हैं पहल
कृषक द्वारा अपनी भूमि के बेचान से संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाकर भूमि बेचान के मामलों में अनिवार्य व्यवस्था जिलों में लागू करने को लेकर तत्कालीन सहकारिता विभाग पंजीयक एवं विशिष्ट शासन सचिव सुधांश पंत ने समस्त जिला कलेक्टरों को एक अर्ध शासकीय पत्र 9 जनवरी 2007 को भेजा था । जिसमें बताया गया कि बहुत से ऋणी कृषकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों से लिये गये अल्पकालीन ऋण को चुकाये बिना अपनी कृषि भूमि का विक्रय कर दिया जाता है। जिसके कारण ऋण राशि की वसूली नहीं पाती है । जबकि ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसी प्रकार की प्रतिभूति रहन रखे बीना ही अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया जाता है।
राजस्थान के कई जिलों में जिला कलेक्टरों द्वारा कृषि भूमि की रजिस्ट्री एवं इंतकाल दर्ज करने से पूर्व ग्राम सेवा सहकारी समितियों से बकाया नहीं प्रमाण पत्र लेने का आदेश जारी कर सराहनीय पहल की गई हैं, परंतु जोधपुर एवं पाली जिले में आदेश जारी नहीं होने का मामला संज्ञान में आया हैं, जिसके लिए आने वाले समय में यूनियन के मार्फत संबंधित जिला कलेक्टरों को अवगत कराने का काम किया जाएगा और इन जिलों में भी आदेश जारी करवाने की पहल की जाएगी ।
-हनुमानसिंह राजावत, प्रांतीय अध्यक्ष, राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी कर्मचारी यूनियन जयपुर