जयपुर, 5 सितम्बर। प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री वैभव गालरिया की अध्यक्षता में पंत कृषि भवन के समिति कक्ष में सितम्बर माह के लिए प्रदेश में उर्वरकों की मांग, आपूर्ति एवं उपलब्धता के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उर्वरकों एवं संभावित आपूर्ति के सम्बन्ध में कम्पनीवार समीक्षा की गई। प्रमुख शासन सचिव ने विनिर्माता कम्पनियों को निर्देशित किया कि इस बार औसत से अधिक बारिश होने के कारण रबी की फसलों की बुवाई में डीएपी व यूरिया की मांग बढ़ने की संभावना है। कम्पनियां उर्वरक आपूर्ति में कोताही न बरतते हुए आवश्यकतानुसार सप्लाई समय पर करें। उन्होंने कम्पनी प्रतिनिधियों से कहा कि जिन जिलों में उर्वरकों की कमी आ रही है, वहां पर तुरन्त उर्वरक सप्लाई किया जाना सुनिश्चित करें।
श्री गालरिया ने कम्पनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि डीएपी, यूरिया, एनपीके और एसएसपी उर्वरकों का सितम्बर माह का आवंटन जो केन्द्र सरकार द्वारा किया गया है उसकी आपूर्ति कम्पनियों द्वारा समय पर की जाये। उन्होंने सभी कम्पनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे कृषकों को डीएपी के स्थान पर एसएसपी एवं एनपीके के उपयोगों को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहित करें। कृषि आयुक्त श्री कन्हैया लाल स्वामी ने नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट को किसानों द्वारा ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लेने के लिए इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा। साथ ही उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले आदान विक्रेताआं पर सख्त कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया।
आयुक्त कृषि ने कहा कि कम्पनियां उर्वरकों की सप्लाई डिमाण्ड के हिसाब से समय पर पूरा करने की यथा संभव कोशिश करें। उन्होंने कहा कि डीएपी कम पड़ने पर किसान एसएसपी व यूरिया को मिलाकर विकल्प के रूप में उपयोग करे, इसके कॉम्बिनेशन से फसलों का न केवल उत्पादन बढ़ता है बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार होता है। बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि (आदान) श्री लक्ष्मण राम, संयुक्त निदेशक कृषि (गुण नियंत्रण) श्री गजानंद सहित विभागीय अधिकारी और उर्वरक विनिर्माता एवं आपूर्तिकर्ता कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।