सार
Jodhpur News : अधिवक्ता अशोक कुमार चौधरी ने सुनवाई के दौरान दिया तर्क कि व्यवस्थापको को सेवाकाल के दौरान किसी भी प्रकार का बैंक द्वारा लाभ नही दिया गया और उनको उसी पे-स्केल में रखा गया, जबकि बैंक कर्मियों को समस्त लाभ प्रदान किए गए
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जोधपुर । डिजिटल डेस्क | 3 सितम्बर | राजस्थान उच्च न्यायालय (High court) न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की एकलपीठ ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कार्यरत व्यवस्थापक द्वारा दायर करीब 100 याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं, इस मामले को लेकर अधिवक्ता अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने तरुण शर्मा एवं अन्य बनाम राजस्थान राज्य के मामले में 30 अगस्त को एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया हैं, दरअसल, 1991 से पूर्व व्यवस्थापको को बैंक के द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों में नियुक्ति दी जाती थी, लेकिन उनको किसी प्रकार के लाभ बैक द्वारा नही दिये जाते थे, ऐसे ही एक मामले डालुराम एवं अन्य बनाम राजस्थान राज्य में उच्च न्यायालय ने निर्णय पारित कर यह आदेश दिया कि जिन व्यवस्थापको की नियुक्ति बैक द्वारा की गई है, वो बैक के कर्मचारी होगे, उसके पश्चात इस निर्णय की पालना में राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खण्डपीठ द्वारा यह निर्णय दिया गया कि व्यवस्थापक बैक से सभी प्रकार के लाभ प्राप्त करने के हकदार होगे, वही, इन निर्णयों के विरुद्ध बैंकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी. दायर कराई गई, जो वर्तमान में स्थगन आदेश से चल रही है, अब इन निर्णयों की पालना करते हुए न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की ओर से यह व्यवस्था दी कि जो भी निर्णय उच्चतम न्यायालय (supreme court) द्वारा दिया जाएगा, उसका लाभ इन याचिकाकर्ताओं को मिलेगा।