व्यक्तिगत जमानतनामा का अता पता नहीं और करवाया जा रहा हैं करोड़ो का करोबार

  • सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों ने नहीं दिया जमानत नामा और प्रतिभूति
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बाड़मेर । डिजिटल डेस्क | 7 नवम्बर | किसानों को सीजनली ऋण वितरण करने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कार्यरत व्यवस्थापकों द्वारा समिति को व्यक्तिगत जमानतनामा और प्रतिभूति (Personal Surety and Security) नहीं गई है। इतना ही नहीं सीसीबी शाखा सेड़वा (CCB Branch Sedwa) अंतर्गत संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के पास समिति में नियुक्ति तक की विभागीय स्वीकृति नहीं है। ऐसा हम नहीं कह हैं बल्कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त जानकारी बता रही हैं कि सहकारी समितियां में कार्यरत कर्मचारियों का विभागीय नियमानुसार नियुक्ति के पश्चात समिति में दो व्यक्तियों से व्यक्तिगत जमानत नामा एवं नकद प्रतिभूति ली जाती है। लेकिन सेड़वा शाखा की करीब-करीब सहकारी समितियों में कार्यरत कार्मिकों द्वारा ना तो व्यक्तिगत जमानतनामा (Personal surety bond) दिया गया हैं और नहीं नकद प्रतिभूति (cash security) दी गई हैं, और-तो-और व्यवस्थापक पद पर नियुक्त कार्मिक की नियुक्ति से संबंधित विभागीय स्वीकृति तक नहीं ली हुई है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा हैं कि करोड़ो का कारोबार करने वाली सहकारी समितियों में संचालक बोर्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष आमसभा का आयोजन कर अंकेक्षण के लिए अंकेक्षक अधिकारी भी नियुक्त किए जाते है और केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा बकायदा वित्तिय वर्ष में लोन सुपरवाईजारों के जरिए सहकारी समितियों का वार्षिक निरीक्षण भी करवाया जाता है।लेकिन आज दिन तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस शाखा क्षेत्र की सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों से व्यक्तिगत जमानत नामा और नकद प्रतिभूति के संबंध में केवल कागजी घोड़े दौड़कर “इतिश्री” की जा रही है।

फैक्ट फाइल

बीसीसीबी शाखा सेड़वा अंतर्गत संचालित 20 सहकारी समितियां

20 ग्राम सेवा सहकारी समितियां से जुड़े करीबन 16 हजार ऋण सदस्य

सालाना 26 करोड़ से अधिक का होता हैं सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण वितरण का करोबार

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