सहकारी समितियों ने दिया जिले की अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ आधार जिले में बिछाया गोदामों का जाल

जालोर 24 जुलाई 2021 । डिजिटल डेस्क । जालोर जिले में सहकारी आंदोलन की एक सुदृढ़ परंपरा है। वर्ष 2015 से इसके दस्तावेजी प्रमाण है। भारत में 1904 में सीहोरा जिला जबलपुर तथा बड़ोदरा में पहली बार सहकारी बैंकों का गठन हुआ था। सहकारी समितियों के गठन में जालोर जिला अग्रणी रहा है। सहकारिता विभाग और उससे सम्बद्ध जिलेभर में कार्यरत 158 ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने अपनी तमाम सीमाओं के बावजूद व्यवसाय संवर्धन तथा कल्याणकारी योजनाओं से जिले की अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के स्वप्न को पूर्ण करने के लिए आत्म-निर्भर राजस्थान के निर्माण में सहकारी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। राजस्थान कृषि प्रधान राज्य है।
यहाँ विद्यमान वन संपदा, पशुधन और मत्स्य-संसाधनों का सहकार के सिद्धांतों पर उपयोग कर स्वावलंबन की दिशा में निरंतर कार्य जारी है। इन कोशिशों ने, संगठन में ही शक्ति है के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए आत्म-विश्वासी समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जालोर जिले में कृषि साख संस्थाएँ एवं सहकारी बैंक, किसान भाइयों की सेवा में सदैव तत्पर रही है। इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन के क्षेत्र में जिले को सफलता हासिल है। जिले में 158 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं। यह प्रमुख रूप से अल्पावधि कृषि ऋण वितरण, कृषि आदान सामग्री प्रदाय, कृषि उत्पादों के उपार्जन तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लगी हुई है। जिले में 145 मिनी सहकारी समितियों द्वारा भी लघु संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियाँ श्वेत क्रांति की प्रतीक हैं। इस तरह ग्राम सेवा सहकारी समितियाँ ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ रहीं हैं।
जिले में कृषि को लाभ का धंधा बनाने और किसान की आय दोगुनी करने के लिए किए जा रहे कार्यों और सिंचाई सुविधा के विस्तार से बढ़े उत्पादन के परिणाम स्वरूप भंडारण क्षमता के विस्तार के लिए जिले में गोदामों का निर्माण समग्र सहकारी विकास परियोजनान्तर्गत करवाया गया है। जिले में अब तक 73 गोदाम बन कर तैयार हुए हैं। वहीं, इन समितियों में 34 डिपॉजिट कलेक्शन सेन्टर, 133 दूकानों के निर्माण के साथ-साथ जिले की अ-श्रेणी में चयनित सहकारी समिति पावटा में बनें सभा भवन तथा सायला पंचायत समिति की तिलोड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति के किसान सेवा केन्द्र में रियायती दर पर खेती-बाड़ी के लिए कृषि यंत्रों की सुविधा भी उपलब्ध करवाये जानें के साथ-साथ जिले की 102 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पूर्व निर्मित गोदामों की मरम्मत करवाई गई हैं। इसी क्रम में जिले की विशनगढ, नरसाणा सहकारी समितियों में व्यवसायवर्धन के तहत सुपर कॉम्पलेक्स का निर्माण और उम्मेदाबाद समिति में सुपर मार्केट बनाया गया है।

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