योजनाओं के तहत आने वाली कठिनाईयों व समस्याओं को किया जायेगा दूर
जालोर 30 मार्च। एमजीनरेगा एवं अन्य योजनाओं में कार्य स्वीकृति के संबंध में आने वाली कठिनाईयों व समस्याओं को दूर करने तथा योजनाओं के दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के लिए जिले में नवाचार के रूप में एक अभियान चलाया जायेगा जिसकी शुरूआत पंचायत समिति चितलवाना से की जायेगी। जिला समन्वयक एवं कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जिले में एमजीनरेगा एवं अन्य योजनाओं में कार्य स्वीकृति के संबंध में आने वाली कठिनाईयों व समस्याओं के लिए आवश्यक दस्तावेज, पात्रता आदि के संबंध में विभिन्न समस्याओं को दूर करने तथा विभिन्न योजनाओं के दिशा-निर्देशों की जानकारी देने, कार्य प्रस्ताव प्रेषित करने के पश्चात् निस्तारण में अनावश्यक गेप को समाप्त करने तथा स्वीकृतियों के सुचारू निस्तारण करने के लिए नवाचार के रूप में एक अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है जिसकी शुरूआत पंचायत समिति चितलवाना से की जायेगी। उन्होंने बताया कि अभियान के संबंध में 5 अप्रेल, सोमवार को प्रातः 10 बजे से एक कार्यशाला का आयोजन जिला परिषद के सभागार में किया जायेगा जिसमें जिला स्तर से मुख्यालय के अधिकारी तथा पंचायत समिति चितलवाना के प्रधान, विकास अधिकारी, सभी सरपंच, समस्त ग्राम विकास अधिकारी, सहायक अभियन्ता, जेटीए एवं नरेगा से संबंधित कार्मिक भाग लेंगे। कार्यशाला में पंचायत समिति चितलवाना की सभी ग्राम पंचायतों में एमजीनरेगा के तहत आगामी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किये जाने वाले कार्यों के प्रस्तावों पर संबंधित सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी द्वारा कार्य प्रस्तुतिकरण किया जायेगा तथा जिला परिषद के संबंधित कार्मिक द्वारा उन्हें प्रत्येक कार्य के बारे में स्वीकृति के लिए आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति, पात्रता आदि के बारे में कार्यवार बताया जायेगा। कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की अन्य योजनाओं के बारे में किसी सरपंच अथवा ग्राम विकास अधिकारी को कोई समस्या होगी तो उसके बारे में जानकारी देकर समस्या का समाधान किया जायेगा। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु ने बताया कि अभियान से योजनाओं के तहत कार्य स्वीकृति प्रस्ताव प्रेषित करने, स्वीकृति जारी करने के लिए बीच के गेप को हटाने तथा कार्य प्रस्ताव निस्तारित करने के लिए योजना की गाइडलाइन में समाहित नियमों, अन्य तकनीकी मानकों, राजस्व दस्तावेज एवं नियमों की जानकारी न होने तथा कार्य प्रस्तावों के निस्तारण में होने वाले अनावश्यक विलम्ब को दूर करने में सहायता मिलेगी।