जालोर 19 फरवरी। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु की अध्यक्षता में किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें पहले चरण में जिले के 6 ब्लॉकों का चयन किया गया। बैठक में पहले चरण में 6 ब्लॉकों का चयन किया गया तथा द्वितीय चरण में सभी 10 ब्लॉक का चयन कर जिले में किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा जिससे किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सकें तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकें। बैठक के दौरान समिति द्वारा विचार-विमर्श कर सहमति से पहले साल में जालोर जिले के 6 ब्लॉकों का चयन किया गया जिनमें जिले में जालोर, आहोर, भीनमाल, सायला, चितलवाना और जसवंतपुरा ब्लॉक में जीरा मिलेट और ऑयल सीड का चयन जिले में स्थापित होने वाले किसान उत्पादक संगठनों के लिए प्रस्तावित किया गया। नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि उत्पाद को विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों के उत्पादक संगठनों में सामूहिक सबसे कारगर तरीके में से एक है। यह कृषि से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने तथा निवेश प्रौद्योगिकी एवं आदान तथा बाजार तक पहुंच में सुधार के लिए भी प्रभावित तरीका बनकर उभरा है। कृषि और सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने कंपनी अधिनियम के विशेष प्रावधानों के तहत पंजीकृत किसानों तक संगठनों को सबसे उपयुक्त संस्थानिक स्वरूप के रूप में चिन्हित किया है जिसमें किसानों को संगठित किया जाएगा तथा उनकी उत्पादन एवं विपणन का सामूहिक रूप से लाभ उठाने के लिए क्षमता निर्मित की जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्पादक संगठनों को बढ़ावा और समर्थन देना योजना का उद्देश्य है किसान उत्पादक संगठन एक समृद्ध एवं संपोषणीय कृषि क्षेत्र का निर्माण करने के लिए सदस्यों के स्वामित्व वाले उत्पादक संगठनों को बढ़ावा और समर्थन देना है। किसानों को कुशल लागत प्रभावी और टिकाऊ संसाधनों के उपयोग से उत्पादकता बढ़ाने और सरकार की ओर से समर्थित सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से और शिक्षाविदों अनुसंधान संस्थान और नागरिक समाज और क्षेत्र के सहयोग से अपने उत्पादन के लिए अधिक प्रतिबल पाने में सक्षम बनाता है। इस नीति के प्रावधान कंपनी अधिनियम के तहत तथा विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य सहकारी समिति कानूनों के तहत पहले से पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों या ऐसे किसान उत्पादक संगठनों पर समान रूप से लागू होंगे जो इस नीति के जारी होने के बाद पंजीकृत होंगे । 5 साल में 10000 किसान उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य नई नीति में कृषि क्षेत्र की संस्थाओं में विभिन्न केंद्र प्रायोजित एवं राज्य वित्त पोषित स्कीमों के विभिन्न संसाधनों का प्रयोग करके केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों तथा उनकी संस्थाओं की ओर से के गठन एवं विकास को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा तथा सहायता प्रदान की जाएगी किसान उत्पादक संगठन बनाने की पूरी प्रक्रिया की ओर से की जाएगी। इस दिशा में अगले 5 वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से 10,000 किसान उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा गया है इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साझेदारों के गठबंधन का निर्माण किया जाएगा यह लक्ष्य समाज के संबंधित संस्थाओं अनुसंधान संगठनों परामर्शदाता क्षेत्र के विकास में योगदान करने में सक्षम किसी अन्य संस्था को शामिल करते हुए संबंधित संवर्धन की ओर से प्राप्त किया किए जा सकते हैं। बैठक में अग्रणी बैंक अधिकारी राजेन्द्र स्वामी, कृषि, पशुपालन, सहकारिता, आत्मा, बागवानी, कृषि विज्ञान केंद्र केशवना सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।