प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 31 जुलाई तक कृषक करवा सकेंगे फसलों का बीमा

जालोर 30 जून। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2021 के लिए कृषक अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2021 तक अपनी फसलों का बीमा करवा सकेंगे। 
कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ.आर.बी.सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2021 के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार जालोर जिले के लिए बाजरा, ज्वार, मोठ, तिल, कपास, मूंगफली, ग्वार एवं मूंग फसल को अधिसूचित किया गया है। जिले में फसल बीमा क्रियान्वयन के लिए बजाज एलायन्ज जनरल एन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है जिसके टोल फ्री नम्बर 18002095959 है। योजनान्तर्गत फसली ऋण लेने वाले ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बंटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। कृषक द्वारा मात्र एक बैंक या संस्था के माध्यम से ही फसल का बीमा करवाया जा सकगे तथा कृषक द्वारा किसी भी स्थिति दोहरा बीमा मान्य नहीं होगा। 
उन्होंने बताया कि गैर ऋणी एवं बंटाईदार कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपनीप फसलों का बीमा नामांकन की अन्तिम तिथि 31 जुलाई, 2021 तक निकट के सहकारी या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अथवा वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सी.एस.सी. के माध्यम से अथवा अधिकृत बीमा कम्पनी बजाज एलायन्ज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के प्रतिनिधि अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया अनुसार बीमा करवा सकेंगे। इसके लिए कृषक को स्वयं प्रमाणित प्रस्तावित क्षेत्रफल में बोई गई या बोई जाने वाली फसलों के खसरा नम्बरों के नवीनतम जमाबन्दी की नकल, एक घोषणा पत्र, आधार कार्ड की प्रति, स्वयं के बैंक खाते की पास बुक कॉपी के साथ प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत करना होगा। 
उन्होंने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि बीमित कृषकों को कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से बुवाई नहीं होने की स्थिति (बाधित/निष्फल बुवाई), खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सुखा, लम्बी सुखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने वाले उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकड़ों के आधार पर होगा। फसल कटाई उपरांत सूखने के लिए खेत में काटकर फैलाकर छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिए कटाई उपरांत अधिकतम 2 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए, अधिसूचित क्षेत्र के आंशिक कृषि भूमि क्षेत्र में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, प्राकृतिक आग एवं जल प्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान आदि पर बीमा क्लेम मिलेगा। युद्ध, आणविक खतरों, शरारतपूर्ण क्षति एवं अन्य रोके जा सकने वाले जोखिम से होने वाली क्षति को योजना के तहत बीमा कवर से बाहर माना जायेगा। 
उन्होंने बताया कि अधिसूचना के अनुसार समस्त अधिसूचित फसलों के लिए जोखिम स्तर 80 प्रतिशत निर्धारित किया गया है तथा फसलों की बीमित राशि 2 प्रतिशत प्रीमियम के रूप में कृषक द्वारा वहन की जायेगी। अधिसूचना के तहत प्रति हेक्टर के हिसाब से ज्वार फसल के लिए बीमित राशि 11021 में से प्रीमियम राशि 220.42 रूपये, मोठ के लिए बीमित राशि 13312 में से 266.24 रू., तिल के लिए बीमित राशि 19898 में से 397.96 रू., बाजरा के लिए बीमित राशि में से 12392 में से 247.84 रू., कपास के लिए बीमित राशि 27574 में से 1378.70 रू., मूंगफली के लिए 102201 में से 2044.02 रू., ग्वार के लिए बीमित राशि 15153 में से 303.06 रू. तथा मूंग फसल के लिए बीमित राशि 26748 में से 534.96 रू प्रीमियम राशि कृषक को देय करनी होगी।
 उन्होंने जिले के कृषकों से आग्रह किया है कि वे खरीफ फसलों की बुवाई करने वाले कृषक अपनी फसलों का बीमा अवश्यक करावें ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्णित जोखिम की स्थिति में बीमित कृषकों को बीमा क्लेम का उचित लाभ मिल सकें। 
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